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________________ भामाशाह दृश्य ३ स्थान-रणथम्भौर में भारमल्ल का निवास । समय-मध्याह्न । ( चरखा कातने में लीन मोहिनी देवी, सामने से षोडष-वर्षीय ताराचन्द्र का आगमन ) ताराचन्द्र-मां ! आप यहां बैठी चरखा चला रही हैं और तात आपको जाने कब से खोज रहे हैं ? मोहिनी- चरखा चलाते हुए ) खोज रहे हैं,क्यों ? क्या उन्हें मुझसे विशेष कार्य है ? ताराचन्द्र-यह मुझे ठीक विदित नहीं, पर वे हस्त में एक पत्र-सा लिए आपको पूछ रहे थे। ___ मोहिनी-समझ गयी, उन्हें भामा के विवाह सम्बन्ध में कुछ परामर्श करना होगा। (ताराचन्द्र से ) जा देख, वे इस समय कहां है ? मैं अभी सूत समेट कर आयी। ताराचन्द्र- ( कक्ष के द्वार तक जाकर ) वे यहीं चले आ रहे हैं। ( भारमल्ल का आगमन ) भारमल्ल - (मोहिनी देवी से ) मैं समझता था, तुम निद्राधीन होओगी । पर तुम इस विश्राम के समय भी चरखा चलाने में व्यस्त मोहिनी-(चरखा एक और रखते हुए) लीजिये, इसे रखे देती हूं, अब बतलाइये यह किस स्नेहीजन की पत्रिका है ? २६
SR No.009392
Book TitleBhamashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanyakumar Jain
PublisherJain Pustak Bhavan
Publication Year1956
Total Pages196
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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