________________
भामाशाह
अलका-( स्मितिपूर्वक ) साधुवाद प्राणेश्वर! आज नवीन वर्ष का प्रथम दिन मंगलदायक रहा। आपको यह सम्पूर्ण वर्ष कल्याणप्रद रहे ऐसी मेरी कामना है। ___ मोमा-( मध्य में ही ) और मेरे हृदय के भी ऐसे ही उद्गार स्वीकार करो। ( कुछ सोच कर ) पर तुमने नवीन वर्ष का प्रसंग लाकर मुझे ठीक स्मरण करा दिया, अन्यथा मैं भूल ही चुका था। आज नव वर्षारम्भ में तुम्हें उपहार स्वरूप देने के लिये मैं एक नवीन और बहुमूल्य वीणा लाया हूं। चलो, चल कर दिखाऊँ।
अलका-चलो। ( दोनों का गमन )
पटाक्षेप
दृश्य २ स्थान-चित्तौड़ का एक उद्यान समय-मदन त्रयोदशी की संध्या ( उद्यान के मध्य में अनंगदेव का मन्दिर, मन्दिर के वाम मार्ग से चमेली का हार केशपाश में लपेटे वीरा वीरांगना का आगमन)
वीरा-( अनंगदेव की मूर्ति के सम्मुख जानु टेक और करबद्ध हो) महादेव की अर्द्धनारीश्वरताके कारण ! राधा और कृष्ण की रासलीला के विधायक !! तपःपूत तपस्वियों की तपश्चर्या के विध्वंसक !! विश्वविजयी मदनदेव !!!! तुम धन्य हो और धन्य हैं वे तरुण तरुणियाँ, जो आज पर्व में अपनी उपासना से तुम्हारा वरदान प्राप्त कर रही