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भामाशाह
दृश्य ४ स्थान-चित्तौड़ का मंत्रणा-गृह
( महाराणा उदय सिंह और उनके मंत्री ) उदय सिंह-महामात्य ! इस समय रणथम्भौर दुर्ग की सुरक्षा सर्वाधिक आवश्यक है। कारण यह राज्य का दृढ़तम दुर्ग है, पर अभी दुर्ग-रक्षा की व्यवस्था समुचित नहीं। मैं व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये किसी योग्य व्यक्ति की खोज में हूं। पर कोई दीख नहीं रहा, यदि आपकी दृष्टि में कोई उपयुक्त व्यक्ति हो तो कहिये । ___ मंत्री-अवश्य है नरेन्द्र ! पर वह चित्तौड़ का वासी नहीं, अलवर का वासी एक साहसी और वीर पुरुष है।
उदय सिंह-दुर्ग-रक्षा जैसे कार्य के लिये साहसी और वीर तो चाहिये ही । क्या आपको उसका नाम और जाति आदि ज्ञात है ?
मंत्री-ज्ञात है पृथ्वीपति ! नाम उसका शाह भारमल्ल और जाति जैन है।
उदय सिंह-जैन ! अहिंसा का अनुयायी जैन ! तब क्या वह दुर्ग की प्राचीरों पर खड़ा होकर शत्रु पर गोले बरसा सकेगा ? दुर्ग-द्वार से प्रविष्ट होने वाले शत्रु-सैनिकों के बक्षस्थलों में बर्छियां भोंक सकेगा ? क्या उसका अहिंसा धर्म दुर्ग को शत्रुदल के आधीन होने से बचा सकेगा ?
मंत्री-बचा सकेगा महीपते ! जैन कुलोत्पन्न होने पर भी उसने शास्त्र विद्या के समान शस्त्र विद्या का भी अभ्यास किया है। उसकी