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भामाशाह
ने आ यह शुभ सम्वाद मुझे सुनाया। सुनते ही आनन्दानुभव हुआ। संध्या विधि समाप्त होते ही पंचांग ले आपकी सेवा में उपस्थित हो गया।
भारमल्ल-महती कृपा की विप्रवर ! पर क्या आपने अपने पंचांगमें देखा कि ज्योतिष शास्त्र इस बालक का भविष्य कैसा बतलाता है ?
ज्योतिषी-अभी कहां ? अब आपका आदेश है तो अभी भविष्य फल निकालने में कितनी देर ? अभी लीजिये।
भारमल्ल–पर इसके पूर्व यह भी सूचित करिये कि कैसे मुहूर्त में इसका जन्म हुआ है ? कैसे ग्रह पड़े हैं ? शारीरिक लक्षण शुभ सूचक हैं या नहीं ? मैं सुनने का बड़ा ही उत्सुक हूं ।
ज्योतिषी-आपकी प्रत्येक जिज्ञासा का समाधान अभी किये देता हूं। (पंचाँग खोल अंगुलियों के पोरों पर गणना करते हुए ) शाह जी ! आपका यह बालक गर्भ से ही असाधारण महापुरुष बनने का भाग्य लेकर आया है। इसका जन्म भी शुभतम मुहूर्त में हुआ है, ग्रह भी शुभ ही पड़े हैं और नक्षत्र भी शुभ । _ भारमल्ल–पर इन शुभ मुहूर्त और शुभ ग्रहों का इसके भाग्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? __ ज्योतिषी-कुछ मत पूछिये शाह ! इसका भाग्य आपसे किसी भी प्रकार न्यून नहीं। यह किसी गौरवशाली नरेश का प्रधान सचिव बनकर अनंत कीर्ति का स्वामी होगा।
भारमल्ल-धन्यवाद ! अब इसके स्वास्थ्य और आयु के विषय में भी जानने की लालसा हो रही है ।