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तृतीय अध्याय - ऋषभायण में ऐन्द्रिक बिम्ब
२ ऐन्द्रिक बिम्ब का स्वरूप एवं प्रकार २ ऋषभायण में चाक्षुष (रूप बिम्ब)
श्रोत्र बिम्ब (शब्द) २ घ्राण (गन्ध) बिम्ब . रस-बिम्ब
त्वम् बिम्ब (स्पर्श बिम्ब) २ एकल ऐन्द्रिक बिम्ब २ संश्लिष्ट ऐन्द्रिक बिम्ब २ गतिक ऐन्द्रिक बिम्ब २ स्थित ऐन्द्रिक बिम्ब
२ निष्कर्ष एवं अध्याय समीक्षा चतुर्थ अध्याय - ऋषभायण में भावबिम्ब
२ भाव का स्वरूप
विभिन्न प्रकार के भाव बिम्बों का विवेचन २ वात्सल्य, भक्ति २ रति, शोक, मोह, स्पृहा २ जुगुप्ता, क्रोध, विस्मय . हर्ष, प्रमाद, उत्साह २ निर्वेद, कृत्यकृत्यता
शंका, इा, मद २ श्रम आदि भाव
. बिम्बों का समीक्षण पंचम अध्याय - ऋषभायण में मू मूर्त्त बिम्ब
२ मूर्त के द्वारा अमूर्त का उपस्थापना २ अमूर्त के द्वारा मूर्त्त की अभिव्यक्ति