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________________ इस प्रश्न का उत्तर चितवन करना। जब तक उत्तर में कोई भी सांसारिक इच्छा/आकांक्षा हो, तब तक अपनी गति संसार की ओर समझना और जब उत्तर एकमात्र आत्मप्राप्ति, ऐसा हो तो समझना कि आपके संसार का किनारा बहुत नजदीक आ गया है। इसलिए उसके लिए पुरुषार्थ बढ़ाना। आपको क्या रुचता है? यह आपकी भक्ति का बैरोमीटर है। अर्थात भक्तिमार्ग की व्याख्या यह है कि जो आपको रुचता है, उस ओर आपकी सहज भक्ति समझना। भक्ति मार्ग अर्थात् चापलूसी अथवा व्यक्तिगतरूप भक्ति नहीं समझना, परंतु जो आपको रुचता है अर्थात् जिसमें आपकी रुचि है, उस ओर ही आपकी पूर्ण शक्ति कार्य करती है। इसलिए जिसे आत्मा की रुचि जगी है और मात्र उसका ही विचार आता है, उसकी प्राप्ति के ही उपाय विचारता है तो समझना कि मेरी भक्ति यथार्थ है। अर्थात् मैं सच्चे भक्तिमार्ग में हूँ; इसलिए जब तक आपको क्या रुचता है, इसके उत्तर में कोई भी सांसारिक इच्छा/ आकांक्षा हो अथवा कोई व्यक्ति हो, तब तक अपनी भक्ति संसार की ओर समझना और जब उत्तर एकमात्र आत्मप्राप्ति, ऐसा होता है तो समझना कि आपके ४४ * सुखी होने की चाबी
SR No.009385
Book TitleSukhi Hone ki Chabi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayesh Mohanlal Sheth
PublisherJayesh Mohanlal Sheth
Publication Year
Total Pages63
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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