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लेखक की कलम से:
| “मोक्ष मार्ग एक अध्ययन” को लिखने की प्रेरणा मुझे अपनी माता जी श्री मति प्रेम लता जैन से मिली, हुआ यो कि मै एक दिन अपनी माता जी से धर्म चर्चा कर रहा था और विषय था सम्यग्ज्ञान मेरे व्याख्यान से माता जी संतुष्ट होकर कहने लगी कि अब ये ज्ञान लोगों में बाटो।
अक्टूबर-2012 से “मोक्ष मार्ग एक अध्ययन” लिखना प्रारम्भ किया, और 13 जून 2013, श्रुत्र पंचमी के दिन wordpress पर अपलोड किया। शीध्र ही blogspot पर भी नमिनाथ भगवान के जन्म कल्याणक पर July 2, 2013 को अपलोङ किया। करीब नौ महीने का समय लगा।
“मोक्ष मार्ग एक अध्ययन" को लिखने का आधार निम्लिखित शास्त्र जी हैं। • समयसार, श्री कुन्द-कुन्द आचार्य, कविवर बनारसी दास। • तत्वार्थ सूत्र, श्रीमद उमास्वामि विरचित। • रत्नकरण्ड श्रावकाचार, आचार्य श्री समन्तभद्र, पधानुवादक: श्री ज्ञानमति माताजी। • चोबीसी पुराण, आचार्य श्री समन्तभद्र, कविवर पं श्री पन्नालाल जी। • पद्म पुराण, आचार्य श्री रविषेण, कविवर पं दौलत राम जी।।
सोशल साईट फेस बुक, टुईटर, ओरकुट पर प्रचार किया गया, तीर्थ क्षेत्र जम्बू दीप, कैलश पर्वत, शिखरजी, महावीरजी को ईमेल भेजा, जैन यूनिवर्सटी सोलापुर, मंगलायतन, टी.एम.यू को ईमेल भेजा ताकि सभी लोग पढ कर कमेंट भेज सकें। शुभकामनाएं मिली किसी ने भी कोई भी विरोध नहीजताया।
अध्यात्म समुन्द्र के समान विशाल है और मेरी बुद्धि छोटी नदी के समान है, अतः मोक्ष मार्ग को रचने मे कुछ कमियाँ रह गयी होगी। पाठकों से मेरी विनती है कि कमियों को सुधारने मे सहयोग करें एंव ग्रंथ से धर्म लाभ प्राप्त करें। ___ मै अपने परिवार के उन सब लोगों का आभार प्रगट करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे सहयोग दिया। मैं पंच परमेष्टि का शुक्र गुजार करता हुआ, नमन करता हुआ अपनी कलम को विराम देता
Dated: Sep 3, 2013
राजेश कुमार जैन पुत्र स्व श्री श्री पाल जैन, मुरादाबाद, यू.पी, भारत!