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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
अंगुली के रक्तांस में पीसकर तिलक लगाकर जहां भी जायें तो देखने वाले
वश में हो जायें। ( 24 ) शत्रु वशीकरण 1. अपने शत्रु का नाम लोहे के पतरे पर लिखकर उसे शत्रु
के घर में दबा दें और उस पर सात दिन तक पानी गिराते रहें तो शत्रु वशीभूत
हो जाएगा। 2. यदि लाल चन्दन की स्याही से भोजपत्र पर शत्रु का नाम लिखकर उसे शहद
में डुबो दें तो शत्रु वश में हो जाते हैं। ( 25 ) राजा वशीकरण 1.कुमकुम, चन्दन, कपूर और तुलसी दल इन सबको गाय
के दूध में पीसकर तिलक लगायें तो राजा वश में होय । 2. हरिताल, असगंध, कपूर, मैनसिल सब को बकरी के दूध में पीसकर तिलक
लगाये तो राजा वश होय ।
(26) डाकिनी वशीकरण -खैर की लकड़ी से चमड़े को जलाएं और उसकी
राख में ऊँट का मूत्र मिलायें तो समस्त डाकिनी लिखने वाले के पास आ जायेंगी।
(108) पुरुष-वशीकरण सम्बन्धी प्रयोग ___ मंत्र- ॐ नमो महायक्षिण्यै मम पतिं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा। विधि- शुभ दिन, शुभ लग्न में उत्तर की ओर मुंह करके सूर्योदय के समय मूंगे की माला
से जाप शुरु करें। १०००० की संख्या में जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्रजप से पूर्व यथाविधि पूजन आदि करना चाहिए। जब मंत्र सिद्ध हो जाय, तब पति को वशीभूत करने के लिए जो भी साधन करना हो, उसमें प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं को इस मंत्र द्वारा सात बार अभिमन्त्रित करने से साधना में विशेष सफलता प्राप्त होती है। इस मंत्र का जप तथा साधना केवल स्त्रियों के लिए ही है, अतः
उन्हीं को इसका प्रयोग करना चाहिए। पति वशीकरण तिलक-(1) गोरोचन, कुंकुम और केले का रस- इन तीनों वस्तुओं
को पीसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर, अपने मस्तक पर तिलक करने वाली
स्त्री पति को वशीभूत कर लेती है। २. विष्णुकान्ता, भांगरा, गोखरु और गोरोचन को पीसकर गोली बना ले। फिर पूर्वोक्त
मंत्र से अभिमन्त्रित कर गोली को घिसकर तिलक करें तो पति वश में हो।
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