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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
(18) सात दिन में आये - कृष्णपक्ष की चतुर्दशी या अष्टमी को सहदेवी लाकर चूर्ण करे, फिर जिसको पान में खिलावे तो वह सात दिन में आता है ।
( 19 ) वश होय-सहदेवी की जड़ को पानी में घिसकर आंख में अंजन करें तो लोग उसको देखते ही वश में हो जाते हैं।
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(२०) सर्ववश - बेलपत्र को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में गोली बना कर रख लें फिर जब चाहे तब गोली घिसकर तिलक लगायें तो निश्चित ही सब वश हो जायें। (21) पान से वशीकरण - सह्देवी लाकर छाया में सुखा लें फिर उसका चूर्ण कर जिसे भी पान में दें वह वशीभूत हो जाये यह सत्य है।
( 22 ) करामाती गोली - सरसों तथा देवदारू को एकत्रित कर पीसकर गोली बना लें, फिर उस गोली को मुँह में रखकर जिससे बात करें वह निश्चित हो वशीभूत हो।
( 23 ). सर्व वशीकरण तंत्र- पीली गाय के घृत का काजल दीपावली को बनाए, अंजन करे - सर्व वश हो ।
2. वशीकरण तंत्र- अपने दोनों हाथ पैर के नाखूनों को जलाकर किसी को भी उसकी भस्म खिलायें तो वह प्राणी आपके विशेष अनुकूल रहेगा।
3. सर्व वशी तंत्र - शनिवार के दिन जब धनिष्ठा नक्षत्र आवे उस दिन बबूल की जड़ ले आवें फिर उसे जिसके ऊपर डालें वह अवश्य वश में हो जाये।
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तन्त्र अधिकार
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बड़ की जड़ को जल के साथ पीसें फिर भस्म मिलाकर मस्तक पर तिलक लगायें तो सब लोग वश हों।
ओंगा की जड़ को कपिला गाय के दूध में पीस कर तिलक लगावें तो सब लोग वश में हों।
सहदेवी को छाया में सुखा कर चूर्ण बनाकर पान में दें तो सर्व लोग वश होंये । गोरोचन और सहदेवी का तिलक सब लोगों को वश में करता है ।
गूलर की जड़ को लेकर मस्तक पर तिलक लगावें तो दर्शन मात्र से निसंदेह सबका प्रिय होता है और पान में देवें तो सब लोग वश में हों।
केशर, सोठ, कूट, हरताल, मैनसिल, अनामिका अंगुली का रूधिर मिलाकर तिलक लगावें तो सब लोग वश में हों।
गोरोचन, कमल पत्र, कांगनी और लाल चन्दन इन सब का तिलक मस्तक पर लगावें तो सब लोग वश में हों।
तगर, कूट, हरताल और केशर इन सबको बराबर-बराबर लेकर अनामिका
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