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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (2 )पति वशीकरण सुपारी- मंगलवार के दिन या ग्रहण के दिन पूरी सुपारी निगल जावें। फिर सुबह जब वह सुपारी मल में निकल आवे तो उसे धोकर पूर्वोत मंत्र से अभिमंत्रित कर पति को खिला देने से पति वश में रहता है। (3)पुरुष वशीकरण लौंग-स्त्री जब रजस्वला हो, उस समय वह अपने गुप्तांग में चार लौंग रखकर भिगोये। तदुपरान्त उनको पीसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर जिस पुरुष के मस्तक पर डाले, वह उसके वश में हो जायेगा। (4)पुरुष वशीकरण रोटी- स्त्री अपने पाँव के जूते के बराबर आटा तोलकर रविवार या मंगलवार के दिन आटे की चार रोटियाँ बनाकर, पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर जिस पुरुष को खिला दे, वह उसके वशीभूत हो जायेगा। (5)पति वशीकरण लेप- अंधाहुली (चोर पुष्पी) जल-मोगरा, रुद्रवन्ती- इन सबको समभाग पीसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर हाथ पर लेप कर पति को दिखावें तो पति वश में हो। (6)पति वशीकरण भोजन- १. मयूर शिखा, मजीठ, शंख पुष्पी व धोल- ये सब समभाग लेकर अपने पंच मैल के साथ पूर्वोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर खाने में दे तो पति वश में रहे। २. सुकड़ी, तरग, प्रियंगु, काला धतूरा, स्याही जड़, उपलेट और अपना पंच मैल समभाग लेकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर भोजन में दे तो पति वश में रहे। (7)पति वशीकरण- १. गुरुवार व शुक्रवार को रात के १२ बजे पति की चोटी से कुछ बाल काटकर रखें। पति सुधर जाएगा, और यदि न सुधरे तो उन बालों को जलाकर पावों से रगड़ें। २. सफेद सरसों, तुलसी, धतूरा, औंगा (अपामार्ग, लटजीरा, चिरचिटा) और तिल का तेल, इन सबको एकत्र करके महीन पीसकर जो स्त्री अपने शरीर पर लेप करती हैं उसका पति वश में हो जाता है। (8)पति अनुकूल- स्त्री दो इलायची अपने शरीर पर ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आए फिर सुखाकर पति को खिलायें। (9)पुरुष वशी-स्त्री के ऋतुधर्म में निकले हुए आर्तव में भावना बहुत दिनों तक दिये हुए गिरोचन का स्त्री के मस्तक में तिलक करने से सब पुरुष उसे देखते ही मोहित हो जाते (10)वशीकरण- १. काकजंघा, तगर, केशर और मैनसिल, इन सबको एक साथ 497
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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