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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर कपूर तीनों को पानी में खूब महीन पीसकर उंगली पर लेप करें, फिर शीशे को खूब आग पर गलाकर सबके सामने उंगली डाल दें, जलेगी नहीं। (6) हाथ पर आग का अंगारा रखना- नौसादर के पानी में कपूर घिसकर __ हाथों पर खूब मल कर अच्छी तरह हाथों को सुखा लें, फिर उस पर आग का लाल-लाल अंगारा रखें तो भी वह बिल्कुल नहीं जलेगा। (7) हाथ पर रखकर सिक्का दहकाना- दो-तीन रत्ती मरकरी क्लोराइड को भस्म या मिट्टी में मिलाकर उससे एक सिक्का मांजकर जल से धो लें। यह सिक्का हाथ पर रखने से शनैः-शनै:गरम हो जाएगा। ध्यान रहे कि यह प्रयोग एल्यूमिनियम के सिक्के या एल्यूमिनियम की कटोरी पर ही किया जाना चाहिए। (8) पवन से आग पैदा करना- ऊँट की मेंगनी जलाकर भाहद में बुझा कर डिबिया में बन्द करके रख लें, फिर जब आग की जरूरत हो तब उसे हवा में खोल कर रख दें। (9) पानी से आग लगाना- गंधक और नौसादर दोनों की एक पोटली बना लें फिर जब आपको खेल दिखाना हो तो उस पर पानी गिरा दें तो आग लग जाएगी। (10) पानी में दीपक जले- हिरनी के दूध में रूई भिगों कर उसकी बत्ती बनाएँ और उसे छाया में सुखा लें, फिर जब भी उन बत्तियों को दीपक में रखें और पानी भर कर जलायें तो वह बुझेगी नहीं। (11) धागा न जले- कच्चे सूत के धागे को नौसदार के पानी में भिगोकर सुखा लीजिए फिर जब खेल दिखाना हो तो धागे के अन्दर आग का दहकता हुआ अंगारा बांध दे तो धागा जलेगा नहीं। (12) आग खुद जले- बिना बुझा चूना तथा फासफोरस कपड़े में रखकर उस कपडे को पीतल के बर्तन में रख दें और जब खेल दिखाना हो तब उसके ऊपर पानी डाल दें आग लग जायेगी। ( 13 ) लोहे को गलाना- इस्पात का एक टुकड़ा लेकर अग्नि में गरम करें। जब लाल हो जाये तब उसको चिमटे से पकड़कर दूसरे हाथ में गंधक लेकर उस गरम इस्पात पर डाल दें तो इस्पात पानी की भाँति गलकर गिर जाएगा। (14) पानी बंध जाये-पके और सूखे हुए लभेड़े (ल्हिसोड़े) के फल को खूब महीन पीसकर पानी में डालने से पानी बंध जाता है। (15) पानी स्तम्भन-दो हांडियों में श्मशान के अंगारे भरकर दोनों का आपस में मुंह 482
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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