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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर मिलाकर जंगल में गाड़ देने से मेघ का स्तंभन होता है। (16) जल में पत्थर तैराना- जंगल से स्यार की विष्टा लाकर उसमें झरबेरिया की गुठली मिलाकर खूब बारीक पीसिये और पत्थर पर एक तरफ खूब गाढ़ा-गाढ़ा लेप कर सुखा लें फिर उस पत्थर को पानी में डालें तो लकड़ी की तरह तैरेगा। (17) जल जमने के लिए- ताल के बीज का चूर्ण अथवा कुकी के रस में मिला हुआ जल उसी क्षण जम जाता है। (18) बरतन फूटें-गोखरू, बकरी का सींग, ताल बुखारा, शूकर की विष्टा और सफेद बूंघची इन सबको पीसकर रसोईघर में डालें तो मिट्टी के सब बर्तन फूट जायेंगे। (19) कुम्हार के बर्तन नष्ट- हस्त नक्षत्र में कनेर वृक्ष की जड़ की तीन अंगुल कील बनाकर कुम्हार के घर में गाड़ दें तो कुम्हार के द्वारा बनाए सभी बर्तन नष्ट हो जाते हैं। ( 20 ) भााक नाशक प्रयोग- गंधक का चूर्ण जल में मिलाकर जहां खेत में शाक बोया हो वहाँ छिड़क आवे तो शाक सूख जाएगा। (21) ताम्बूल नाशक प्रयोग- नौ अंगुल प्रमाण सुपारी काठ की काँटी को __ शतभिशा नक्षत्र के दिन लाकर तमोली के घर अथवा उसकी बारी में डाल दें तो उसके पान शीघ्र ही नाश को प्राप्त होंगे। ( 22 )दूध नष्ट- जामुन वृक्ष की जड़ को अनुराधा नक्षत्र में प्राप्त करके उसकी आठ अंगुल कील बनाकर अहीर (दूधिएं) के घर में गाड़ने से दूध नष्ट हो जाता है। (23) बिगड़े घी को सुधारना- घी को कढ़ाई में रखकर चूल्हे पर चढ़ा दें, जब खूब गर्म जो जाए तब उसमें प्याज डाल दें। (24) बाजार उजाड़ने की तरकीब -अश्लेषा नक्षत्र में अपने दुश्मन का नाम पीपल के पत्तों पर काली बकरी के दूध से लिखें फिर उन पत्तों को बारीक पीसकर एक घड़ा पानी में मिलाकर उस पानी को बाजार में छिड़के तो बाजार नष्ट हो जाएगा। (25) रविवार के दिन को प्रातः काल एरण्ड को न्यौत आवें फिर शाम के समय उसे एक झटके में तोड़ लाएं कि उसके दो टुकड़े हो जाएं। एक टुकड़ा नीचे गिर पड़े दूसरा हाथ में रहे फिर दोनों टुकडों को अलग-अलग रख लें,फिर जो भी पाटा पर बैठा हुआ देखें उसके शरीर से जो टुकड़ा नीचे गिर पड़ा 483
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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