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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर व्यक्ति पन्द्रह दिन तक पकाकर खावें तो उसे भूख-प्यास ज्यादा लगे। (5) बहेड़े के वृक्ष को सायं को न्यौंत दे आवें, सबेरे उसका पत्ता लाकर पांव के नीचे दबाकर भोजन करने से बीस-तीस आदमी का भोजन अकेले ही खा जाता है। (83) जमीन या मकान न बिकता हो तो (1) जमीन या मकान न बिकता हो तो :- यदि काफी प्रयास के बाद भी उचित दाम पर संपत्ति न बिक पा रही हो तो मंगलवार को लाल रंग के सात धागे लाएं तथा जमीन के अथवा मकान की चार दीवार को उस धागे से नाप लें। मंगल यंत्र की प्रतिष्ठा करके यह धागा उस यंत्र पर लपेट कर यंत्र को घर के बाहर ईशान कोण में दबा दें। मकान या जमीन शीघ्र विक्रय हो जाएगी। कार्य हो जाने पर उस यंत्र को जलाशय में प्रवाहित कर दें। (84) पृथ्वी से गढ़ा धन निकालने का तंत्र (1) जिस जगह अकेले बैठकर यक्षिणी का ध्यान करें और यदि वहां पर पैर मारने से शब्द निकले तो समझे वहां धन है। (2) जहां पर बोया हुआ बीज न उगे और बिना बोया पैदा हो जाये, उग आवे तो उस पृथ्वी के अन्दर धन जानना चाहिए। (3) कुनटी, गंधक और तालक के चूर्ण से तथा सफेद आक की रूई पर कमल की नाल के धागे को लपेटकर बत्ती बनावें, फिर उसको कंगनी के तेल में भावना देकर दीपक जलावें। उस दीपक की लो का मुख जहां जाकर नीचे को जावे, वहीं धन का ढेर समझना चाहिए। (4) पृथ्वी का खजाना दिखाई दे- बालमीक और अधोपुष्पी की जड़ को स्त्री के दूध के साथ पीसकर आंखों में लेप करे तो (अंजन करे) तो पृथ्वी का गड़ा खजाना दिखे। (5) गड़ा धन-जहां पर कौए मैथुन करते हों या सिंह आकर बैठता हो तो वहां पर अवश्य ही धन गड़ा हुआ समझना चाहिए। (6) पृथ्वी का धन दिखता अंजन से सर्प के बिल की मिट्टी और अधोपुष्पी की जड़ ___ को स्त्री के स्तनों के दूध से पीसकर आंखों में अंजन करने से पृथ्वी का खजाना दिखता हैं। (7) अधो पुष्पी लजालू और सफेद कोपला शहद और कपूर मिलाकर अंजन करने से उसे पृथ्वी का धन दिखता हैं। (8) शुभ तिथि, वार, नक्षत्र, को काली गाय के दूध को जीभ पर रखकर उसके 474
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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