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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (1) मुकदमे में विजय प्राप्ति का तंत्र- गोभी और मयूर शिखा को मुंह में रखकर मस्तक पर धारण कर न्यायालय में जाने से विजय प्राप्त होती है। (2) मुकदमा- यदि कोर्ट में दंड की संभावना हो तो अपने वजन के बराबर कोयले को पानी में बहा दें। (80) अंगूठी बनाने का विधान (1) एक रत्ती शुद्ध सोना, बारह रत्ती शुद्ध चांदी तथा सोलह रत्ती शुद्ध तांबा- सारे उनतीस रत्ती धातु रवि पुष्य नक्षत्र के दिन मिलाकर एक अंगूठी नक्षत्र रहते ही बनवाएं। णमोकार मंत्र का जाप करें तथा अंगूठी पर तिलक करें। फिर दाहिने हाथ की तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) अंगुली में अंगूठी पहन लें। भोजन करते समय बायें हाथ धोने के बाद फिर दाहिने हाथ में धारण कर लें। पूजा के बाद अंगूठी पहनते समय९ बार णमोकार मंत्र पढ़कर पहनें। यह अंगूठी दरिद्रता का नाश करती है, लक्ष्मी का लाभ करती है, विघ्न-बाधाएं दूर करती है। कुँवारी कन्याओं तथा स्त्रियों को मन वाञ्छित फल देती है। (2) १२ भाग तांबा, १६ भाग चांदी, १० भाग सोने का पृथक्-पृथक् तार खिंचवा कर ___ रवि पुष्य या गुरु पुष्य अमृत योग में अंगूठी बनवा लें और पंचामृत से अभिषेक कर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में पहनने से सर्व प्रकार की दरिद्रता नाश होती है। (3) सर्वकार्यसिद्धि मुद्रिका-नीला थोथ का सत, नाग (सीसा), ताम्र इनके बराबर सोना डालकर अंगूठी बनवाकर दाहिने हाथ की कनिष्ठा (छोटी) अंगुली में पहने तो जंगम विषों को, भूत बाधा, डाकिनी, शाकिनी, नजर और विष आदि को दूर करती है। (81) भूख प्यास न लगे तंत्र (1) भूख प्यास न लगे तंत्र- आंवला, अपामार्ग, कमल का बीज और तुलसी की जड़- इन सबको एक साथ पीसकर गोली बना लें। प्रतिदिन प्रातः एक गोली खाकर ऊपर से गाय का दूध पीने से भूख प्यास दूर हो जाती है। (2) कमल के बीज और चावल को बकरी के दूध में पीसकर, घृत मिलाकर, फिर खीर बनाकर खाए तो चार दिन भूख नहीं लगे। (3) भूख न लगे-भैंस के दूध में तथा घी में अपामार्ग के बीजों की खीर बनाकर खाने से एक माह तक भूख नहीं लगती है। अथवा पमार के बीज, कसेरू तथा कमल की जड़ को गाय के दूध में पकाकर खाने से एक माह तक भूख नहीं लगती है।। (82) भूख प्यास ज्यादा हो (4) भूख प्यास ज्यादा हो- रविवार के दिन ओंगा के चावल की खीर जो 473
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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