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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (170) गर्भधारण नहीं होगा 1. गर्भधारण नहीं होगा :- कमल के बीज का अर्क मासिक धर्म के बाद १५ दिन तक पीया जाए तो गर्भधारण नहीं होगा व वक्ष स्थल पुष्ट होगा। कमल के अंदर हरे रंग के कच्चे दाने छीलकर खाने से ओज व बल में वृद्धि होती है। 2. गर्भ न ठहरने के लिए- २ माशा हल्दी महावरी के पाँच दिन बाद ताजा पानी से खायें,गर्भ नहीं ठहरेगा। (171) सुख से प्रसव होय 1. सुख से प्रसव होय-सफेद सोंठ की जड़ को गर्भिणी स्त्री की योनी में रखने से सुखपूर्वक प्रसव होता है या गर्भिणी स्त्री हाथ में चुम्बक पत्थर रख ले तो सुख से प्रसव होता है अथवा स्त्री की कमर में बांस की जड़ बांधे तो प्रसव सुख से होता है या स्त्री नीम की जड़ कमर में बांधे तो सुखपूर्वक प्रसव होय। 2. प्रसव दुख निवारण -इन्द्रायन तथा इमली के पत्ते को पीस कर नाभी पर लेप करें तो प्रसव शीघ्र हो। 3. गर्भ का दर्द नष्ट- इंद्रायण के स्वरस को योनि के अन्दर डालने से गर्भ का कष्ट तुरन्त दूर हो जाता है। 4. जवा खार को थोड़े गरम घी या गरम पानी के साथ पीने से गर्भ का कष्ट फौरन दूर हो जाता है। 5. केले की जड़ को कमर में बांधने से प्रसव सुख पूर्वक होता है परन्तु बच्चे की नाल निकलने के बाद जड़ को खोलकर फेंक देना चाहिए। 6. स्त्रियों के प्रसव में विलम्ब हो तो - अमलतास के छिलके 19 ग्राम को पाव भर पानी में औटाकर पीने को दें। (172) दूध बढ़ाने के लिए 1. दूध बढ़ाने के लिए- दूध बढ़ाने के वास्ते बच्चे की माँ को घी, दूध और शक्कर से मिली हुई खिचड़ी का भोजन दें। 2. शक्कर मिले हुए दूध में भालि चावलों के आटे को अथवा विदारी कंद के चूर्ण को पीने से दूध बढ़ जाता है। 3. शिखंडिका (गुंजा चिरमी) की जड़ के कल्क को तांबूल (पान) के साथ सेवन करने से स्तन का दूध क्षणमात्र में बढ़ जाता है। 4. स्त्रियों के स्तनों में दूध बढाने के लिए : गाय के दूध में शतावरी का चूर्ण 4.8 ग्राम व मिश्री मिलाकर पिलावें। 5. गेहूँ का दलिया दूध में बनाकर खिलाने से स्तनों में दूध बढ़ जाता है। 594
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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