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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर रक्तचाप मिटता है। २. प्रतिदिन सबेरे सात गुली लहसुन की कच्ची छीलकर खाने से रक्त-चाप मिटता है। ३. रक्तचाप के रोगी को हमेशा ही ताम्बे के बर्तन का पानी पीना चाहिये। (80) जलोदर-रोग१. अकलकरा की सुबह शाम फक्की लेने से जलन्दर रोग मिटता है। २. जलोदर के रोगी के पेट पर कौंच की जड़ का लेप करना चाहिये या उसका टुकड़ा रखने तथा हाथ की कलाई पर बांधने से रोग मिटता है। ३. ५० ग्राम चना १ पाव पानी में औटाकर आधा पानी रहने पर उस पानी को गुनगुना कर पिलाने से जलन्दर रोग मिट जाता है। ४. पुनर्नवा के पंचांग को पीसकर पेट पर लेप करने से जलन्दर रोग मिट जाता है। ५. लालमिर्च को आक के दूध में पीसकर गोलियाँ बनाकर देने से जलन्दर रोग मिटता ६. मूली के पत्तों का रस पिलाने से जलन्दर रोग मिटता है। ७. ऊँटनी का दूध जलन्दर रोग में अमृतमय औषधि होता है। 8. जलोदर- करील (करीर, तीक्ष्ण कंटक, निष्पत्रक, करीला, कैर, टेंटी, करु पेंचू आदि नामों से जानते हैं।) की जड़ का चूर्ण ५ ग्राम, जल के साथ सुबह-शाम लेने से तथा पथ्य में केवल ऊंटनी का दूध पीने से असाध्य जलोदर भी शीघ्र शान्त हो जाता है। (81) उदर (पेट) रोग १. अगर को पीसकर गर्म करके पेट पर लेप करने से पेट का शूल मिटता है। २. खुरासानी अजवाइन और गुड़ मिलाकर लेने से पेट की वायु की पीड़ा मिटती है। ३. दो महीने के बछड़े का मूत्र पिलाने से पेट पीड़ा मिट जाती है। ४. बड़ी इलायची के चूर्ण को नमक के साथ देने से पेट शूल मिटे। ५. अनारदाना का रस पीने से पेट शूल मिटती है। ६. पीपल के चूर्ण में काला नमक मिलाकर लेने से पेट दर्द मिटता है। ७. छाछ के साथ समुद्रफल सेवन करने से पेट दर्द मिटता है। ८. तिलों को पीसकर गोला बना लो फिर पेट पर फिराने से भयंकर उदर शूल मिटती है। ९. मेनफल को काँजी में पीसकर नाभि पर लेप करने से पेट शूल जड़ से मिट जाती है। 10. लाल मिर्च को जलाकर उसकी भस्म की दो रत्ती मात्रा खाने से पेट दर्द सग्रहणी आदि 559
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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