________________
स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
फायदा होता है।
१०. घी और गुड़ मिश्रित भात ( चावल ) का भोजन करके गर्म पानी पीने से स्वर भंग मिटता है।
मुनि प्रार्थना सागर
११. मूलेठी का सत् मुँह में रखकर रस चूसने से स्वर भंग रोग मिटता है।
१२. दाख और फालसा को मुख में दबाने से समस्त कंठ रोग मिटते हैं। १३. अच्छे और पके हुए केले खाने से मुँह से आने वाला खून बन्द हो जाता है ।
14. माधुर्यकारी स्वर- कुलंजन का अर्क, नींबू का अर्क, शहद ( चासनी ) काली मिर्च आदि से सेवन किया जाए तो राक्षस का कर्कश स्वर भी किन्नर की भांति मधुर हो जाता है।
1.
15. स्वर शोधना- निर्गुण्डी मूल को सुखाकर पीसकर गुनगुने पानी से सेवन करने से वाणी दोष समाप्त होकर स्वर मधुर होता है ।
( 66 ) हकलाना दूर होता
साबुत सुपारी को लाल चंदन में सात दिन तक डुबोए रखकर बाद में काट काट कर चूसने से हकलाना दूर होता है।
( 67 ) हिचकी - रोग
१. पीपल की छाल को जला कर उसके कोयले को पानी में बुझाकर पानी को पिलाने से हिचकी मिटती है।
२. नारियल की जटा की भस्म पानी में घोलकर नितारे हुए पानी को पीने से हिचकी मिट जाती है।
३. गर्म दूध में घी पीने से अथवा गर्म घृत पीने से हिचकी मिटती है ।
४. सोंठ के चूर्ण की फक्की लेकर ऊपर से बकरी का गर्म दूध पीने से हिचकी मिटती है। ५. बकरी के दूध में सोंठ पकाकर पीने से हिचकी मिट जाती है।
६.
मोर पंख की राख मिश्री की चासनी में चटाने से हिचकी रोग मिटता है । ७. गवारपाठा के रस में सोंठ मिलाकर खाने से हिचकी रोग मिटता है ।
८. गर्म पानी में नमक मिलाकर पीने से वमन होकर हिचकी मिटती है।
९. कौड़ी को जलाकर नाक में सुंघावें तो हिचकी जाती है।
(68) खट्टी डकारे
1. खट्टी डकारे:- यदि खट्टी डकारे आती हो तो गरम पानी में नींबू निचोड़कर पीए ।
552