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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
स्वास्थ्य अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
( 69 ) नेत्र रोग
१ त्रिफला को भिगोकर प्रतिदिन आँखे धोने से आँखों के रोग प्राय: मिटते हैं ।
२ सुबह उठते ही अपनी बासी थूक से अंजन करने से नेत्र रोग मिटता है ।
३ गवारपाठे की गिरी पर हल्दी का चूर्ण बुरका कर गर्म कर आँखों पर बाँधने से नेत्र पीड़ा मिटती है।
४. गर्मी में आँखों की खराबी में गुलाबजल का फोहा बाँधने से आराम मिलता है। नेत्र पीड़ा मिटाने के लिए:- अनार के पत्ते पीसकर टिकिया बनाकर आँखों पर बाँधने से लाभ होता है।
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६. कालीमिर्च को थूक में घिसकर आँखों में आँजने से नेत्र पीड़ा मिटती है ।
७. सोंठ को पानी में घिसकर उसकी २-३ बूँद आँखों में टपकाने से आराम मिलता है।
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८. स्त्री के दूध को आँखों पर टपकाने से नेत्र पीड़ा मिट जाती है।
९. केर के पत्तों के रस का लेप करने से रतौंधी मिट जाती है ।
१०. टमाटर ज्यादा खाने से रतौंधी मिटती है ।
११. तुलसी के पत्तों का स्वरस कई बार आँखों में डालने से रतौंधी मिट जाती है।
१२. पुनर्नवा की जड़ को दूध में घिसकर आँजने से आँखों की खुजली मिटती है। नौसादर को महीन खरल करके अंजन करने से मोतियाबिन्द मिटता है।
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१४. सत्यानाशी का दूध आँजने से मोतियाबिन्द मिटता है ।
१५. भीमसेन कपूर को पुत्रवती स्त्री के दूध में घिसकर लगाने से मोतियाबिंद में फायदा होता है।
१६. सेंधा नमक को अल्प उष्ण तेल में सेवन करने से नेत्रों का वात रोग मिटता है।
१७. त्रिफला के क्वाथ में घृत मिलाकर पीने से नेत्र रोग मिटते हैं।
१८. वृद्धों के लिए नेत्र ज्योति - असगन्ध के महीन चूर्ण को आँवला के रस में, मात्रा क्रमवृद्धि से १ तोले तक प्रतिदिन सेवन करना चाहिये ।
19. नेत्र रोग पर पोटली - गवारपाठे के रस को सोते समय कान में टपकाने से बालकों की आँखें अच्छी होती है।
२०. हरी दूब के रस का लेप करने से आँख का दुखना और गीड़ आना मिटता है। 22. आंख दर्द ठीक - बादाम, कपूर को आधी रत्ती महीन पीसकर अंजन करने आंखें ठीक होती हैं ।
दुखी
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