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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
४१. तुलसी के पत्ते बच्चे को खिलावें तो चेचक जाती रहती है। आवश्यकतानुसार (४०/ ५०)।
(55) बिस्तर (शय्या) मूत्र निवारण 1. सोते समय पेशाब निकल जाना- आंवले का गूदा और काला जीरा समभाग चासनी
(शहद) के साथ मिलाकर खायें। 2. बिस्तर पर रात्रि में मूत्र करे- राई के दाने पीसकर बच्चे को खिलाने से बच्चा रात्रि में
बिस्तर पर मूत्र नहीं करता। 3. शय्यामूत्र निवारण- सोने में बिस्तर गीला होने पर, उम्र के अनुसार १/२ ग्राम से
६ ग्राम तक की मात्रा में रात में दूध के साथ गुड़ के साथ शंखपुष्पी चूर्ण देने से लाभ होता है। प्रातः काल मूंगफली के दाने थोड़े से भूनकर गुड़ के साथ लेना
चाहिए। 4. बालक को सोते समय पेशाब हो तो- अजवाइन में नमक मिलाकर गर्म पानी से देना चाहिए।
(56) दन्त-रोग १. अकरकरा और कपूर बराबर पीसकर मंजन करने से सब प्रकार की दंत पीड़ा मिटती है। २. खैर की कोपल मुख में चबाने से दंत पीड़ा मिट जाती है। ३. फिटकरी का मंजन करने से सड़े दंतों की पीड़ा मिट जाती है। ४. हींग का पानी गुन-गुना कर पूरा भरकर दाँतों में दबाने से आराम होता है। ५. गर्म पानी के कुल्ले करने से दाँत और दाढ़ पीड़ा मिटती है। ६. बड़ के दूध के लगाने से दाढ़ की पीड़ा मिटती है। ७. कड़वे तेल में नमक मिलाकर मंजन करने से दन्त मजबूत होते हैं। ८. फुलाये हुए सोहागा में मिश्री मिलाकर मंजन करने से दाँत मजबूत होते हैं। ९. रात को सोते समय यदि दाँत किट-किटाते हो तो १ माशा अजवाइन में थोड़ा नमक
मिलाकर लेने से आराम हो जाता है। 10. यदि दाँतो में कीड़े पड़कर छिद्र हो गये हो तो उस छिद्र में कपूर भरने से आराम हो
जाता है। 11. दाँतों की चमक का उपाय:- गुल रोगन में कपूर और चन्दन मिला कर दाँतों पर
मलने से दाँतों की चमक आ जाती है। 12. यदि दाँतों का रंग पीला पड़ गया हो तो:- हरी मकोय का पानी और सिरका मिलाकर
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