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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
23. वासा की भस्म पानी में डालकर उस पानी को साफ करके पीने से श्वांस रोग ठीक होता है। हल्दी की भस्म भी श्वास और कफ रोगों का निवारण करती है ।
24. आक की जड़ की भस्म श्वांस और वात रोगों को हरती है।
(53) क्षय (तपेदिक) रोग
१. दूध में चूने का पानी मिलाकर पीने से क्षय रोग शमन हो जाता है।
२. चावल में घृत डालकर प्रतिदिन खाने से मूत्र भी लगे तथा राज रोग (क्षय) मिटे । ३. अडूसा के पत्तों का क्वाथ नित्य सेवन करने से क्षयरोग मिट जाता है ।
स्वास्थ्य अधिकार
४. अडूसा के फूल व जड़ से पकाये हुए घृत को पीने से क्षय रोग मिटता है। इसे वासा घृत कहते हैं।
५. तिल, गुड़, उड़द, शाली इनके आटे से बनाया हुआ पुआ खाने से क्षय रोग मिटता है । ( 54 ) बालकों के ज्वर तथा अन्य रोग
१. बच्चे को लू लगने पर उसे प्याज की माला गले मे पहनानी चाहिये ।
२. बालक के दृष्टि दोष हो जाय तो अग्नि में हल्दी का चूर्ण व तेल मिलाकर धूप देना चाहिये, जिससे दृष्टि दोष मिटे |
३. बच्चों के लार गिरती हो तो - मस्तंगी, बड़ी इलायची का चूर्ण ० . २ ग्राम ( २ रत्ती ) प्रमाण चासनी में चटावें ।
४. बच्चों की काँच निकलने पर कड़वा तेल लगाकर ऊपर लेसवें का चूर्ण लगा दें। अथवा आम या जामुन की छाल को पानी में औटा कर शौच कराना चाहिये ।
५.
7.
गंज और सिर पर फुन्सियाँ होने परः - पक्की ईंट के टुकड़े को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर लगावें ।
६.
बच्चे के खाँसी और ज्वर होने परः- बादाम की गिरी को पानी में घिसकर चटाना चाहिए ।
बालक की नाभि पक जाए तो दिए का तेल लगावें या हल्दी लौंग और नीम के फूल बारीक पीसकर लेपे करें ।
8. गले का काग बड़ गया हो तो चूल्हे की राख याने चूल्हे की मिट्टी निकालकर कालीमिर्च को पीसकर अपने अँगुली पर लगाकर चतुराई से लगा दें।
9. बालक की आँख गर्मी सर्दी से या दाँत निकलने के समय दुःखने लगते हैं तब सौद को पानी में घिसकर लेप करें।
10. बालक को खाँसी हो तो अनार का छिलका मुँह में दबा कर चूसें ।
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