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स्वास्थ्य अधिकार
मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
५. कालीमिर्च और मिश्री का चूर्ण १.६- २.४ ग्राम (२-३ माशा) मिश्री की चासनी के
साथ चाटने से खाँसी और दमा निःसन्देह मिटता है। ६. भुनी हुई फिटकड़ी में बराबर मिश्री मिलाकर ४.८ ग्राम(६माशा) तक फक्की लेने से
खाँसी और दमा रोग मिटता है. ७. धतूरे के बीज १ से लेकर ५ तक १ माह तक खायें तो श्वास रोग मिट जाता है। ८. त्रिकूट के चूर्ण में गुड़ और घृत मिलाकर सेवन करने से श्वास रोग मिटता है। ९. सरसों के तेल में सेंधानमक मिलाकर छाती पर मसलने से श्वास रोग दब जाता है
और कफ भी गाँठे बनकर निकल जाता है। १०. त्रिफला के क्वाथ में घृत डालकर सेवन करने से श्वास रोग मिटता है। ११. पुराना गुड़ २५-५० ग्राम और सरसों का तेल २५ ग्राम मिलाकर सुबह २१ दिन तक
चाटने से दमा रोग मिटता है। 12. दमा- मयूर पंख को जलाकर उसकी भस्म तैयार करें तथा नित्य १० दिन तक एक रत्ती
मात्रा पान में रखकर सेवन करने से दमा ठीक होता है। 13. बड़ का पत्ता छाह में सुखाकर पान के साथ खाने से दमा ठीक हो जाता है। 14. एक चम्मच तेजपत्र का चूर्ण पानी के साथ लेने से दमा में लाभ होता है। 15. दमा या गलना- जौ की राख में मिश्री मिलाकर गर्म पानी से लेने से दमा व जौ की
राख तिल के तेल में मिलाकर लगाने से गलना दूर होगा। 16. चिरचिरा की जड़ को 10-12 टुकडे करके विशाख युक्त बृहस्पतिवार को माला
बनाकर गले में डालने से कण्डमाला (क्षय) रोग ठीक होता है। 17. गुरू पुष्य योग में सहदेवी की जड़ को ताबीज बनाकर गले में डालने से कण्डमाला
(क्षय) रोग दूर हो जाता है। 18. विशाखा युक्त बृहस्पतिवार को हल्दी की गाँठ का पीले धागे में डालने से कण्ठमाला
(क्षय) रोग से आराम होता है। 19. दमा का रोग हो तो उपाय – मार्बल पत्थर के चकले पर रोटी बनाकर खावें। 20. खांसी, नजला, अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को चन्द्रमा का उपाय करना चाहिए। उपाय - शरद् पूर्णिमा के दिन चावल की खीर बनाकर रात को चन्द्रमा की चाँदनी
में रखें । निम्नलिखित मन्त्र की एक माला जपकर खीर खा ले। मन्त्र : ॐ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नमः । 21, काली हल्दी का एक चम्मच घिसा हुआ पाऊडर पानी के साथ लेने से एक सप्ताह
के भीतर पुराने से पुराना दमा ठीक हो जाता है।
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