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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर 6. ज्वर में श्वास होने पर १. सोठ, मिर्च, पीपल, नागरमोथा, काकड़ासिंगी, भारंगी, पोहकरमूल इन सबको बराबर लेकर जौ कूट करके ४ ग्राम (५ माशा) का काढ़ा ७ दिन लेने से ज्वर का श्वास मिटे। ____7. ज्वर में मूर्छा होने पर १. किरमाला की गिरी, दाख, पित्तपापड़ा, हरड़ की छाल इन सबको बराबर लेकर काढ़ा ६.४ (८ माशा) का देने से ज्वर की मूर्छा मिटे। 8. ज्वर में कब्ज तथा अफारा १. दाख तथा दाड़म (अनार) के बीजों को उबाल कर कुल्ला करने से मुख शोष तथा जीभ का विरस पन मिटे। 10. गर्मी के ज्वर में वमन होना १. ढाक के कोमल पत्तों को नींबू के रस में पीसकर शरीर पर लेप करने से दाह ज्वर मिटता 11. ज्वरातिसार १. नीम की छाल का क्वाथ पीने से पुराना ज्वरातिसार मिट जाता है। २. ढाक के रस का सेवन करने से पुराना ज्वरातिसार मिटता है। ३. बबूल के गोंद में कुनैन मिलाकर देने से ज्वरातिसार मिटता है। 12. ज्वर की निर्बलता १. काली मिर्च का चूर्ण मिश्री की चासनी में सेवन करने से ज्वर के पीछे की निर्बलता, मूर्छा, भ्रम और आमाशय की पीड़ा,मंदाग्नि और अफारा मिटता है। 13. लू लगकर ज्वर होना १. धूप में पानी रख कर गर्म होने पर स्नान करने से लू उतर जाती है। २. इमली का पानी शक्कर या गुड़ मिलाकर लेने से लू उतर जाती है। ____ 14. मौसम का ज्वर १. अडूसे के जड़ के चूर्ण की फक्की देने से मौसम का बुखार उतरता है। 15. गर्दन तोड़ व कमर तोड़ बुखार २. गर्दन तोड़ व कमर तोड़ बुखार में काले वमन रोकने के लिए चूने के पानी में दूध मिलाकर देना चाहिए। 16, साधारण ज्वर 535
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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