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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर ४. फिटकरी, सोनमुखी और शक्कर औटाकर पीने से निमोनिया में फायदा होता है। ५. सौंफ, मुनक्का और लिसोड़ा का क्वाथ बनाकर देने से कफ पतला होकर निकलता है। ६. बारहसिंगा के सींग को गौमूत्र में घिसकर लेप करने से पसली का दर्द मिटता है। ७. पसली के दर्दपर सेकः- गुड़ के सिरके में बालू रेत को भिगाकर कपड़े में बाँध पोटली बनाकर गर्म करके सेक करने से फायदा होता है। ८. रोहिष, तृण, धमासा, पित्तपापड़ा, प्रियंगु, कुटकी का क्वाथ पीने से निमोनिया ज्वर मिटता है। ९. पित्तपापड़ा, कायफल, कूट, खस, रक्तचन्दन, नेत्रवाला, सोंठ, नागरमोथा, काकड़ासिंगी और पीपल का क्वाथ देने से निमोनिया ज्वर मिटता है। ____ 1. यदि कफ में रक्त आता हो तो 1. श्रृंगभस्म व अभ्रक .२-.२ ग्राम (२-२ रत्ती) की मात्रा अडूसा के स्वरस में दें। 2. अफीम और कपूर में मिले हुए तारपीन तेल की मालिश करने से ज्वर में कफ से रक्त ___आने में फायदा होता है। 3. ज्वर में मलावरोध हो तो- कुटकी, हरड़, अमलतास, निसोत और आँवला का क्वाथ पिलावें। 2. भूत ज्वर १. तीव्र ज्वर हो तो- सोंठ, कायफल का चूर्ण, समस्त शरीर में मर्दन किया जाय तो बुखार पसीना आकर उतर जाता है। ___3. ज्वर में प्यास ज्यादा होने पर - 1. धनिया, नागरमोथा, पित्तपापड़ा इनको जौ कूट करके ६.४ ग्राम (८ मासा) का काढ़ा __ ३ दिन लेने से प्यास, दाह दूर होय। 2. ज्वर में ज्यादा प्यास हो तो- बड़ी इलायची को भूनकर थोड़े-थोड़े दाने खिलावें। 4. ज्वर में खांस होय1. पीपल, पीपलामूल, सोंठ, भारंगी, खेरसार, कटाली, अडूसा, कुलिंजन, बहेड़ा इन सबको बराबर लेकर जौ कूट करके ४ ग्राम (५ माशा) का काढ़ा ७ दिन तक लेने से ज्वर की खाँस मिटे। ___5. ज्वर में वमन होने पर1. गिलोय ४ ग्राम (५ माशा) का काढ़ा बनाकर मिश्री मिलाकर देने से वमन दूर होय अथवा चावलों की खीर और पीपल को मिश्री की चाशनी में चटाने से वमन मिटे। 534
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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