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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर ३. वृद्धावस्था में जीर्ण-ज्वर व खाँसी हो तो आँवला का क्वाथ दोनों समय लेने से मिटता है। (32) मलेरिया बुखार १. सोंठ, पीपल, मिर्च, तज, लौंग, वायविडिंग, ये सब २-२ ग्राम (२॥२॥) तथा तुलसी और बेर के पत्ते २५-२५ ग्राम, एक मिट्टी के पात्र में एक सेर पानी चढ़ा दें। उपरोक्त सब वस्तुएँ डालकर जब आधा पाव पानी रह जावे तो छानकर रोगी को दिन में तीन बार पिलाना चाहिये जिससे मलेरिया तथा भयंकर कफ-ज्वर तत्काल मिटे। २. काली तुलसी के ११ पत्ते व कालीमिर्च ११, बुखार चढ़कर उतरने पर देने से मलेरिया-ज्वर छोड़ देता है। ३. नीम की कौंपल तथा काली मिर्च को घोट कर पीने से बारी से आने वाला ज्वार मिटता 4. लालचन्दन, खस, धनिया, सोंठ, पीपल और मोथा इन सबके क्वाथ में मिश्री ____ मिलाकर पीने से तीन दिन में आने वाला बुखार नष्ट हो जाता है। 5. १ वर्ष से ज्यादा पुराने घृत में हींग मिलाकर सूंघने से चोथिया ज्वर भागता है। (33) टाईफाइड (मियादी) ज्वर १. लौंग डालकर ताजा उबाला हुआ पानी पिलाना चाहिए। २. सफेद चन्दन, लाल चन्दन, नेत्रवाला, पित्तपापड़ा, नागरमोथ, सोंठ, चिरायता और खस का क्वाथ पिलाने से दाह, ग्लानि, प्रलाप, विकलता, तिमिर और पित्त आदि सब उपद्रवों को निकाले (मोतीझरा, पानीझरा, टाईफाइड, मियादि) को शान्त करता है। ३. लाल चन्दन, नेत्रवाला, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, सोंठ और धनिया का क्वाथ देने से निकाले में फायदा होता है। ४. जावित्रि, जायफल, पीपल, कालीमिर्च सोंठ इनका घासा देने से खांसी तप करके दिन में २ दफा देने से निकाला आदि रोगों में फायदा होता है। ५. तुलसी का रस, गोबर का रस, जीरा, सोनामुखी की भस्म घिसकर देने से निकाला में फायदा होता है। (34) निमोनिया-ज्वर १. सरसों के तेल में थोड़ा अफीम डालकर मालिश करने से निमोनिया वाले को फायदा होता है। २. गूलर के दूध में मिश्री मिलाकर दिन में २-३ बार चटाने से कफ निकल जाता है। ३. बसन्तमालती पान के रस में देने से इस रोग में हृदय की दुर्बलता मिटती है। 533
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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