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________________ स्वास्थ्य अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर 16. कुटकी, नागरमोथा, इन्द्रजौ, पाठ कायफल का क्वाय पीने से पित्त ज्वर मिटता (26) कफ ज्वर 1. कफ ज्वर वाले रोगी को पानी औटाकर आधा रहने पर पिलाना चाहिये अथवा अडूसा का काढ़ा 10 दिन देने से फायदा होगा। 2. नीम की छाल, सोंठ, गिलोय, कटा पोकर मूल, कुटकी, अडूसा, कायफल, पीपली, सतावरी इन सबको 2.4 ग्राम (3-3माशा) कूटकर देने से कफ ज्वर मिटे। 3. सोंठ, चिरायता, नागरमोथा, गिलोय का क्वाथ लेने से कफ ज्वर मिटता है। 4. करंजवा की मींगी जल में पीसकर नाभि में टपकाने से कफ ज्वर मिटता है। 5. ओटी बहेड़ा लीजिए, ता पानी से खाय। छोटी पीपल पीस के, ज्वर कफ का मिट जाय। 6. इलायची, अजवाइन, मिर्च, आँवला, हड़, इनका क्वाथ लेने से कफ ज्वर मिट जाता 7. चिरायता, नीम, दोनों कंटेली, सोंठ, इनका क्वाथ लेने से कफ ज्वर मिट जाता है। 8. गिलोय, पीपल, जटामांसी और सोंठ, का क्वाथ पिलाने से कफ ज्वर मिटता है। 9. खूबकला, मूलेठी, कालीमिर्च और मिश्री की उकाली बनाकर लेने से कफ साफ होकर ज्वर भी मिटता है। (27) वात कफ ज्वर 1. नागरमोथा, पित्तपापड़ा, गिलोय और धमासा इन सबको बराबर लेकर, कूट करके 2.4 ग्राम (3 माशा) मात्रा में क्वाथ बनाकर 10 दिन तक देने से वात कफ ज्वर, दाह तथा प्यास को मिटाता है। २. कंटाली, सोंठ, गिलोय, पीपल इन सबको बराबर लेकर २.४ ग्राम (३ माशा) का काढ़ा देने से वात कफ ज्वर मिटता है। ३. कायफल, सोंठ, बच, नागरमोथा, पित्तपापड़ा, धनिया, हरड़, काकड़सिंगी, देवदारू और भारंगी का काढ़ा देने से वात कफ ज्वर मिटता है। ४. १-२ दफा उबाला हुआ पानी रात्रि में बार-बार पीने से वात कफ ज्वर मिटता हैं व अजीर्ण भी मिटता है। (28) कफ पित्त ज्वर १. जल को उबालकर आठवाँ हिस्सा रहने पर पिलाना चाहिये, तथा लंघन कराना चाहिये 531
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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