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________________ है। 'अ' से 'ह' तक प्रत्येक अक्षर का वर्ण होता है। स्वाद होता है। यदि हम उच्चारण : की शुद्धता में जाएँ तो पता चलेगा कि अक्षरों के उच्चारण के साथ-साथ स्वाद में भी अन्तर आ जाता है, परन्तु आज यह सूक्ष्म ज्ञान लुप्त हो गया है, जिसके कारण मंत्रों की शक्ति भी विस्मृत हो रही है। मंत्र शक्ति शब्द की संयोजना और उच्चारण पर निर्भर होती है। किस उद्देश्य से मंत्र का उपयोग करना है, उसके अनुसार शब्दों की संयोजना जाती है। जैसे रसायनशास्त्री जानता है कि किन-किन द्रव्यों को मिलाने से कौन-सा द्रव्य बनता है? उसका प्रभाव कैसा होगा? ठीक उसी प्रकार मंत्र विद् भी जानता है कि किन शब्दों के संयोजन से किस प्रकार की तरंगें पैदा होती है? वे परमाणुओं को कैसे प्रभावित और प्रकम्पित करेंगे? उनकी परिणति किस प्रकार की होगी? इसी सिद्धान्त के आधार पर हमारे ऋषि-मुनियों ने चमत्कारी एवं प्रभावकारी मंत्रों की संरचना की, जो हमारे धर्म ग्रन्थों में भरे पड़े हैं। नमस्कार मंत्र, गायत्री मंत्रों की सरंचना की, जो हमारे धर्म ग्रन्थों में भरे पड़े हैं। नमस्कार मंत्र, गायत्री मंत्र आदि आज भी श्रद्धा से जपे जाते हैं। . ओम्, अहम्, सोहम् आदि मंत्राक्षरों का दीर्घ उच्चारण करने से, मन वाणी के साथ जुड़ जाता है। मन का योग पाकर वाणी शक्तिशाली हो जाती है। वायूमण्डल में कम्पन्न पैदा करती है, जिससे हानिकारक, अनिष्टकारी, परमाणु दूर हो जाते हैं। और वातावरण शुद्ध हो जाता है। मन्दिरों में प्राणप्रतिष्ठा के समय अथवा विशेष प्रसंगों पर मंत्रों के सामूहिक जाप के पीछे यही भावना और सिद्धान्त है। संगीत. प्रार्थना, भजन, भाषण, उपदेश, आदेश आदि के शरीर और मन पर पड़ने वाले प्रभावों का हम प्रतिदिन अनुभव करते हैं। . आकस्मिक दुर्घटना के पश्चात डाक्टर के आने का समाचार सुनते ही रोगी को कितनी राहत का अनुभव होता है? रोगी का आराम पूछने से, सान्त्वना के शब्दों से थोड़े समय के लिए रोगी अपना रोग कैसे भूल जातो है? अनुमवी डाक्टरों के प्रेम भरे शब्द रोगी को जितनी राहत दिलाते हैं, उतनी कभी-कभी अच्छी से अच्छी दवा भी नहीं दिलाती। इसी कारण तो सभी पैथियों (चिकित्सा पद्धतियों) में सहानुभूति (Sympthy) को सबसे अच्छी चिकित्सा माना है। किसी को प्रोत्साहित करने से, प्रेरणा देने से कार्यक्षमता कैसे बढ़ जाती है? थकान का अनुभव क्यों कम हो जाता है? न्यायाधीश द्वारा अपने अनुकूल फैसला देने से तनाव कैसे दूर हो जाता है? किसी की प्रशंसा करने से उसके चेहरे पर क्यों मुस्कुराहट झलकने लगती है। शत्रु के क्षमा मांगने से विरोधी का क्रोध कैसे शान्त हो जाता है? गलती कर माफी माँगने वालों को उचित शब्दों से सामने वाले का मनोबल कैसे बढ़ जाता है? मैत्री और प्रेम भरे शब्दों से सामने वाले का हृदय सरलता से जीता जा सकता है। जीवन में प्रतिदिन ऐसे सैंकड़ों प्रसंग आते हैं, जब हम वाणी के प्रभाव से ऊर्जा पाते हैं। मन पसन्द बात अथवा संगीत सुनते ही व्यक्ति भावविभोर हो, झूमने लगता हैं। तालियों 88 .
SR No.009375
Book TitleSwadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChanchalmal Choradiya
PublisherSwaraj Prakashan Samuh
Publication Year2004
Total Pages94
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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