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________________ वर्तमान में एलोपैथिक चिकित्सा की पोषक . ..सरकारी नितियाँ एलोपैथिक चिकित्सा की तथा कथित विशेषताओं के कारण तथा मानव 'की भौतिक दृष्टि की प्रधानता होने से यह पद्धति वर्तमान युग में अधिकांश देशों में सर्वमान्य बन गई है, उसे ही पूर्णतया वैज्ञानिक समझा जा रहा है। उसी को सरकारी मान्यता, संरक्षण एवं पूर्ण सहयोग और सुविधाएँ उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और चिकित्सा से सम्बन्धित नीति निर्माता एंव सरकारी एवं प्रचार माध्यम उनके प्रति पूर्ण रूचि लेकर खुल्लम खुल्ला प्रचार कर रहे हैं। वैकल्पिक प्रभावशाली चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार हेतु अपेक्षित बजट का प्रावधान नहीं है। सारे स्वास्थ्य मंत्रालय पर अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति के प्रशंसकों, हित चिन्तकों, समर्थकों का पूर्ण . . नियंत्रण है। अंग्रेजी चिकित्सा को वैज्ञानिक, विकासोन्मुख, प्रभावशाली, उपयोगी तथा वैकल्पिक प्रभावशाली चिकित्सा पद्धतियों को अवैज्ञानिक, अविकसित, अनुपयोगी, प्रभावहीन, सहयोगी चिकित्सा के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। आधुनिक चिकित्सा एवं दवाओं के दुष्प्रभावों से जो नए नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं उनका कारण, समाधान उनसे सम्बन्धित चिकित्सकों से पूछा जा रहा है। ऐसा निष्कर्ष कैसे सत्य, विश्वसनीय, अनुकरणीय हो सकता है? स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों के लिए चिन्तन का विषय है। . दवा निर्माताओं के लुभावनें, मायावी, भ्रामक विज्ञापनों एवं दबाव के कारण तथा सरकार का पूर्वग्नसित अविवेकपूर्ण दृष्टिकोण तथा प्रभावशाली वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का सही ज्ञान नहीं होने के कारण, हमारा स्वास्थ्य मंत्रालय एलोपैथिक चिकित्सा के हितों का पोषक बन कर कार्य कर रहा है। एलोपैथिक चिकित्सा के दुष्प्रभावों को छुपाने की प्रवृत्ति तथा लाभ के एक पक्षीय मिथ्या प्रवृत्ति आंकड़ों को प्रचारित करने की सरकारी माध्यम से छूट मिलने के कारण, राष्ट्र की भोली भाली जनता भ्रमित हो अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जबरदस्ती टीकाकरण उसी मानसिकता का परिणाम है। चिकित्सा के मामले में आज हम कितने स्वतंत्र है, चिन्तन का प्रश्न है? .... जैसी सरकारी व्यवस्था होगी, वैसा ही कानून होगा। न्यायाधीश को उसी के अनुरूप ही न्याय करना होगा। भले ही वह न्याय गलत अथवा जनहित के प्रतिकूल ही क्यों न हो? हमारे आज्ञाकारी शिक्षक और शिक्षा अधिकारी सरकारी , निर्देशों का आँख मीच निर्वाह करते हैं। उनको भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य के बारे में चिन्तन का अवकाश कहाँ, किसी में इतना साहस कहाँ, जो गलत परम्पराओं का प्रतिकार कर सके? __.. आज हमारे स्वास्थ्य पर चारों तरफ से आक्रमण हो रहा है। सरकारी .. . 46 .
SR No.009375
Book TitleSwadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChanchalmal Choradiya
PublisherSwaraj Prakashan Samuh
Publication Year2004
Total Pages94
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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