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________________ - अध्याय - 6 वैकल्पिक तथा एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में .. सैद्धान्तिक भेद. क्या उपचार में राहत ही पूर्ण चिकित्सा है? __ रोग में राहत का मतलब है, किसी भी विधि द्वारा रोग के प्रभाव को कम करना जिससे.दर्द, पीड़ा, बेचैनी कम हो जाए एवं शरीर में सहनीय स्थिति उत्पन्न हो जाए । अर्थात् राहत का कार्य रोग को दबाना अथवा असक्रिय करने तक सीमित होता है, न कि रोग को मिटाने अथवा निष्क्रिय करने का। जैसे अंगारे पर राख आ. .. जाने से, उसकी गर्मी का प्रभाव कम हो जाता है। दीमक लगी लकड़ी पर रंग रोगन .. करने से उसकी खराबी छिप जाती है। कचरे पर कपड़ा डालने से अस्वच्छता यान में नहीं आती। जबकि अंगारे की गर्मी, लकड़ी में दीमक लंगने से आने वाली.... खराबी एवं कचरे का दुष्प्रभाव बना रहता है। अतः जब तक रोग का कारण बना रहेगा, भविष्य में रोग होने की सम्भावनाएँ सदैव बनी रहेगी। अच्छे उपचार का मतलब रोग को जड़ से दूर करना। सदैव के लिए उसके कारणों, लक्षणों एवं प्रभाव को निष्क्रिय करना, ताकि भविष्य में उन कारणों से किसी भी रूप में रोग की. पुनरावृत्ति न हो। आधुनिक चिकित्सा पद्धति का उद्धेश्य एवं प्राथमिकताएं तात्कालिक परिणामों पर आधारित होने से प्रायः राहत तक ही सीमित रहती है। उपचार के कारण भविष्य में पड़ने वाले दवाओं के दुष्प्रभावों की उपेक्षा होती है। संक्रामक और असाध्य रोगों में तो दवा जीवनपर्यन्त आवश्यक बन जाती है। क्या राहत को ही पूर्ण उपचार मानने वाली चिकित्सा पद्धति वैज्ञानिक कहलाने का दावा कर सकती 45....... 4).. . .
SR No.009375
Book TitleSwadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChanchalmal Choradiya
PublisherSwaraj Prakashan Samuh
Publication Year2004
Total Pages94
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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