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सरल सामुद्रिक शास्त्र
आयूरेखाभर्तृरेखा श्वश्रू स्याद्धनरेखया। श्वसुरी गोत्ररेखायां स्त्रीणां दक्षिणहस्ततः ।।
स्त्रियों के दायें हाथ में आयुरेखा से पति का विचार करना चाहिए। धनरेखा से सास का विचार होता है। स्त्री के दायें हाथ की पितृरेखा से ससुर का विचार करना चाहिए।
धर्मरेखा धर्मकारी वामरेखासु गोधनम्। रत्नाकराद्वामहस्ते दाससौख्यञ्चतुष्पदम् ।।
स्त्रियों के बायें हाथ में धर्मरेखा (सूर्य पर्वत की रेखा) से धर्म का विचार किया जाता है।
यदि दायें हाथ में माला या रस्सी का चिन्ह हो तो स्त्री के पास पशुधन खूब होता है। स्त्रियों के बायें मणिबन्ध से दास-दासियों, नौकरों तथा सवारियों का विचार करना चाहिए।
अभ्यास प्रश्नावली
1. सख्त (कठोर) हाथों की क्या विशेषता होती है ? 2. स्त्रियों के हाथ के लक्षण के बारे में विवरण प्रस्तुत करें ? 3. भाग्यशाली के हाथ के बारे में लिखें? 4. अंग विद्या में हस्तलक्षण का महत्व लिखें।
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