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सरल सामुद्रिक शास्त्र
5. The Effect of First Finger
तर्जनी अंगुली का मानव जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, यह अंगुली बाह्य संसार (बाहरी दुनिया ) के साथ सम्बन्ध बनाये रखती हैं, जिसे हम सम्बोधन क्रिया कहते हैं । तर्जनी अंगुली अन्दर की ओर झुक जाए तो यह समझना चाहिए कि उस जातक का, बाहरी दुनियां से लगाव कम है। यह अंगुली पुरुष की अपेक्षा महिलाओं में कुछ अधिक लम्बी होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि बाहरी दुनियां को वे, अधिक संबोधित करती हैं । तर्जनी के छोटी होने पर व्यक्ति को सांसारिक कार्यों के करने में जो अड़चनें आती हैं, वह उन्हें अच्छी तरह से सुलझा नहीं सकता। समय समय पर एक के बाद दूसरी और अड़चन आ खड़ी होती है। तर्जनी अंगुली का पित्ताशय, तिल्ली और फेफड़ों से सम्बन्ध है । यह अंगुली मध्यमा की तरफ मुड़ी हुई हो और अंगुली का नख पीला हो तो फेफड़ों आदि में कहीं कुछ खराबी अवश्य होगी। ऐसे व्यक्ति की रुचि अलकोहल लेने की हो सकती है।
मध्यमा का प्रभाव
अध्याय-5
मध्यमा अंगुली हाथ की सबसे बड़ी अंगुली होती है तथा यह व्यक्तित्व को सूचित करती है । सामान्य लम्बाई की व ऊपर से चौकोर हो तो व्यक्ति में तर्कशक्ति अधिक होती है तथा अपने एक नियम व व्यवस्था से काम सम्पन्न करता है। इसके मुड़े हुए होने से बौद्धिक स्तर का पूरा विकास नहीं होने पाता। इसके ज्यादा लम्बी होने से मनुष्य में काव्य रुचि, चित्रकारिता के गुण ज्यादा होते हैं। शारीरिक और मानसिक गुणों में सामंजस्य बना रहे, इसके लिये मध्यमा का तर्जनी और अनामिका से बड़ा होना जरूरी है। मध्यमा अंगुली का नुकीला होना ठीक नहीं होता। इससे मनुष्य का स्वभाव लड़कपन - सा छिछोरा व समाज के लिये गम्भीर कार्यों के करने योग्य नहीं होता । नोकदार
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