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सरल सामुद्रिक शास्त्र
5. शनि रेखा केशों के समीप हो तथा अखण्ड हो साथ ही सीधी हो तो जातक की बौद्धिक क्षमता अच्छी होती
6. शनि रेखा टेढ़ी या खण्डित होने से जातक उदासीन, शिकायती एवं चिड़चिड़े स्वभाव का होता है।
7. शनि रेखा पर नीचे की ओर त्रिभुज होने से वह जातक धर्म
परिवर्तन करता है अथवा अन्य जाति में विवाह करता है।
8. शनि रेखा से आकर एक टेढ़ी रेखा गुरु रेखा को काटे तथा सूर्य रेखा के ऊपर से जाती हुई छोटी रेखा से पुनः गुरु रेखा कटने पर जातक को साधना के क्षेत्र में लाभ दिलाता है।
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9. शनि रेखा बार-बार खण्डित हो, गुरु रेखा छोटी हो, मंगल रेखा दोषपूर्ण हो, सूर्य व चन्द्र रेखा अच्छी हो तो जातक को सामान्य कहा जायेगा साथ ही जातक का स्वभाव चंचल और यदा-कदा परेशानी का सामना होगा।
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