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सात रेखाएं आड़ी तथा सात रेखाएं इनको काटती हुई खड़ी खीचिये जैसे चित्र में दिखाया गया है। पूर्वोत्तर दिशा से आरम्भ कर कृतिका आदि अट्ठाइस (अभिजित् सहित) नक्षत्रों के नाम लिखेंगे। तो ऊपर वाला चित्र तैयार हो जाएगा। अब यदि जन्म नक्षत्र पर से आरम्भ करे और जन्म नक्षत्र पर 1 अंक लिखे और क्रम से सत्ताईस तक की गिनती लिखें तथा अभिजित् पर 21 (अ) लिखे। फिर गोचर में जो ग्रह जिस नक्षत्र पर हो उसको लिख डालें। यदि जन्म नक्षत्र का सूर्य से वेध हो तो कष्ट हो या मृत्यु भय हो, दसवें नक्षत्र का वेध हो तो धन नाश, उन्नीसवे नक्षत्र का वेध हो तो चिन्त तथा कष्ट आदि। इसी प्रकार यदि अन्य ऊपर बताए गए 7 नक्षत्रो में से किसी का वेध हो तो जातक को कष्ट होता है। धन नाश होता है। इस प्रकार सूर्य से मास का फल, चन्द्र से दिन का फल, शनि से वर्ष का फल, आदि जान सकते हैं। समय को जान कर उसका उपाय कर सकते है।
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