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________________ 28 सै. 05 घं. 4 मि. 0 सै. सम्पातकीय समय अनुसार उदित दशम भाव = 1रा 24° 07 00" 1 मि. दशम की चाल 13 45" 06'25" 05 घं. 5 मि. 28 सै. सम्पातकीय समय अनुसार दशम भाव उदित = 1रा 24°27 10" अयनांश संस्कार के बाद सम्पातकीय समय अनुसार दशम भाव = 1रा. 24° 27' 10" अयनांश संस्कार = (-) 00° 26'00" दशम भाव स्पष्ट = 1रा. 24° 01' 10" जन्म समय सम्पातकीय समय अनुसार दशम भाव स्पष्ट तुला राशि 25° 23' 38" पर उदित हो रहा था। निकाले गये लग्न स्पष्ट दशम भाव स्पष्ट क्रमशः प्रथम भाव और दशम भाव के मध्य का रेखांश है इसी प्रकार जन्म कुण्डली के सभी बारह भावों के मध्य रेखांश निकाले जायेंगे इसके साथ-साथ बारहें भावों के (सन्धि) प्रारम्भिक रेखांश भी निकालना आवश्यक है जिससे हर भाव की लम्बाई और भाव मध्य उदित राशि का ज्ञात होगा। बारह भावों का गणित इस प्रकार किया जायेगा दशव भाव से प्रथम भाव तक प्रथम भाव मध्यम रेखांश- दशम भाव मध्यम रेखांश : 6 (अर्थात लग्न स्पष्ट) (दशम भाव स्पष्ट) 4रा 24° 34'04" -1 रा 24°1' 10" = 3 रा 0° 32 54" = 90° 32° 54" = 15°5 29" षष्ठांश प्राप्त हुआ है। 55
SR No.009373
Book TitleSaral Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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