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________________ House Cuspal Longitude दशम भाव एवं भाव स्पष्ट दशम भाव- किसी निर्धारित समय पर उस स्थान की मध्याह्न रेखा (मध्य आकाश या मध्यविन्दु) क्रान्तिवृत्त को जिस विन्दु पर काटती है उस विन्दु को दशमभाव कहते हैं। दशम भाव का विषुवांश उस समय का सम्पात् समय होता है इसे प्रायः विषुवांश मध्य आकाश भी कहते हैं। इस प्रकार दशम भाव स्पष्ट करेंगे दशम भाव के लिए प्र. स. 8 पर दी गई तालिका अनुसार गणित करेंगे यह तालिका सभी स्थानों अर्थात पृथ्वी के सभी शहरों के लिए एक ही होती है। इस तालिका का प्रयोग उसी तरह करेंगे जैसे लग्न स्पष्ट के लिए किया गया जन्म समय सम्पातकीय समय 05 घं. 5 मि. 28 सै. तालिका अनुसार 05 घं. 4 मि. सम्पातकीय समय अनुसार उदित दशम भाव = 1रा. 24° 7 05घं. 8 मि. " =1रा 25°2 4 मि. में राशि चक्र की चाल = 0° 55' 1 मि. में राशि चक्र की चाल = 13', 45" इसी तरह 1 मि. या 60 सै. = _____55' 1 मि. में चाल = 13' 45" 55x28 385 = 6 25 1 सै. 28 सै. 4360 28 सै. में चाल = 6' 25"
SR No.009373
Book TitleSaral Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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