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करता है। इसलिये भारतीय पद्धति ने सूर्य चन्द्रमा, राहु तथा केतु को भी ग्रह माना है। राहु तथा केतु को भी ग्रह माना है। जबकि राहु तथा केतु का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं। यह हम जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य का तथा चन्द्रमा पृथ्वी का परिभ्रमण करती है।
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बध
मंगल
बृहस्पति
शनि, यूरिनस, नेप्चून, प्लूटो
चित्र 7
केतु
अवरोही पाथ
ही पा) पृथ्वी का वृत
क
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चन्द्रमा का वृत
चित्र 8
जहां दोनों वृत एक-दूसरे को काटते हैं उन बिन्दुओं को राहु तथा केतु कहते हैं। चित्र 8 में क, ख राहु तथा केतु है।