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3-4. Introduction to Planets
पाठ- 3-4. ग्रह परिचय शुभ-पापी ग्रह चन्द्रमा, बुध, शुक्र और गुरु ये क्रम से अधिकाधिक शुभ माने गये हैं, अर्थात् चन्द्रमा से बुध, बुध से शुक्र और शुक्र से गुरु अधिक शुभ हैं। सूर्य, मंगल, शनि व राहु ये क्रम से अधिकाधिक पापी ग्रह कहे गये हैं, अर्थात् सूर्य से मंगल, मंगल से शनि और शनि से राहु अधिक पापी ग्रह हैं।
कर्क
बुध
मीन
बृहस्पति
शुक्र
उच्च-नीच ग्रह ग्रह राशि उच्चांश ग्रह राशि नीच्चांश सूर्य मेष
सूर्य तुला 10 चन्द्रमा वृष 3 चन्द्रमा वृश्चिक 3 मंगल मकर 28
मंगल बुध कन्या बृहस्पति कर्क
मकर शुक्र
कन्या 27 शनि
शनि मेष 20 राहु मिथुन 15
धनु 15 केतु धनु
केतु मिथुन 15 ग्रहों के उच्च-नीच बोध से कुण्डली का फलादेश स्पष्ट रूप से किया जा सकता है। उच्च का ग्रह शुभ फल करता है। ग्रहों की मैत्री-शत्रुता ग्रहों में पांच प्रकार की मित्रता-शत्रुता मानी गई है, अधिमित्र, मित्र, सम, शत्रु और अधिशत्रु। कुण्डली में ग्रह मित्र के गृह में स्थित हो तो शुभ और शत्रु के गृह में हो तो अशुभ फल देता है।
मीन तुला
20
राहु
15