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2. The Predictive Astrology
पाठ-2. ज्योतिष फलित फलित भारतीय ज्योतिष फलित का आधार ग्रह, राशियां तथा भाव है। इसलिये ग्रहों, राशियों तथा भावों की संज्ञाओं का ज्ञान आवश्यक हो जाता है। भारतीय ज्योतिष में सात ग्रह तथा दो छाया ग्रहों को स्थान प्राप्त है। सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र तथा शनि सात ग्रह हैं तथा राहु केतु छाया ग्रह हैं। ग्रहों के गुण धर्म सूर्य-ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य पित प्रकृति, लम्बा, अल्प बाल, क्रूर ग्रह, तांबे जैसा रंग, राजसी, दार्शनिक, पूंजी उधार देनेवाला, दृढ़ इच्छा शक्ति, पद का प्रतीक है। ईंधन, बिजली, चर्म, ऊन सूखा अनाज, सोना, विष, औषधियाँ, चिकित्सक, राजा अधिकारी वर्ग तथा गेहू सूर्य के अधीन है। सूर्य बीजों का विकास करता है। सूर्य पिता का प्रतीक है। यह ब्रह्माण्ड की आत्मा, रागों से बचाने की शक्ति, शेर तथा भगवान शिव का भक्त है। कांटों वाले पेड़, स्वर्ण राजदूत, नेत्र का प्रतीक है। पुरुष ग्रह है। सर्य के द्वारा शासित स्थान है-खुले स्थान, पर्वत, वन प्रमुख शहर, पूजा के स्थान, न्यायालय, पूर्व दिशा, ऐसा स्थान जहां पानी न हो। शरीर के जो भाग शासित हैं- सिर, पेट, हड्डियां, हृदय, नेत्र, मस्तिष्क। सूर्य के द्वारा रोग- उच्चरक्त चाप, तीव्रज्वर, पेट तथा नेत्र संबंधी रोग, पितज बिमारियां तथा हृदय रोग देता है। जब सूर्य पीड़ित होता है तथा जलीय राशियों में स्थित होता है तो क्षय रोग, पेचिश रोग देता है। यह क्षत्रीय वर्ण, अग्नि तत्व, पुरुष लिंग तथा पूर्व दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है। चन्द्रमा- इसका शरीर स्थूल है। घुघराले बाल, गोरा रंग तथा सुंदर आंखों