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(ग) कर्क लग्न मंगल 5 तथा 10 भाव का स्वामी (घ) सिंह लग्न मंगल 4 तथा 9 भाव का स्वामी (ड) मकर लग्न शुक्र 5 तथा 10 भाव का स्वामी (च) कुम्भ लग्न शुक्र 4 तथा 9 भाव का स्वामी केन्द्राधिपति दोष
जब कोई शुभ ग्रह जैसे बृहस्पति, शुक्र, शुभ बुध, शुभ चन्द्रमा केन्द्र का स्वामी हो तो उसमें केन्द्रधिपति दोष आ जाता है। जब शुभ ग्रह केन्द्र का स्वामी होता है तो शुभ ग्रह अपना शुभ फल देने में असमर्थ हो जाता है। इसका अर्थ यह नहीं कि वह अशुभ फल देता है। शुभफल नहीं देता वह सम हो जाता है। सम ग्रह जिस भाव में स्थित होता है या युति या दृष्टि बनाता है या उसकी दूसरी राशि जिस भाव में पड़ती है उसके अनुसार फल देता है। अशुभ ग्रह केन्द्र के स्वामी होकर अशुभ फल नहीं देते। वे भी सम हो जाते