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दार्शनिक हाथ
इस प्रकार के हाथ के स्वामी अनेक कठोर ब्रत, नियम, निषेधों को सहन करते हैं, भले ही इन्हें दुनिया पागल या कुछ और कहे, ये अपने धार्मिक सिद्धान्तों की रक्षा और मान्यता के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करने के लिए तैयार रहते हैं। वास्तव में ऐसे व्यक्ति रहस्यवाद के अनुमोदक और धर्म के प्रति निष्ठावान होते हैं तथा ईश्वर के रहस्यों को जानने में इनका ध्यान हमेशा लगा रहता है। धार्मिक नेता और आध्यात्मिक प्रवृति के लोगों का हाथ प्रायः ऐसा ही पाया जाता है। इनमें कानून के प्रति श्रद्धा नहीं होती। ऐसे लोग अपने विचारों के जल्दबाजी के कारण सफल अविष्कारक होते हैं ये जोखम कार्यों को करने से पीछे नहीं हटते, इनकी परिवर्तन शीलता इनका दोष माना जाता है ये प्रायः मनमानी होते हैं और अपने सनकीपन में अंधे हो जाते हैं परन्तु विज्ञान में इन्हें काफी हद तक सफलता मिलती है। ऐसे हाथों के स्वामी अधिकांशतः पूर्वी देशों में पाये जाते हैं। योरोपीय देशों के लोग इस प्रकार के हाथ वाले लोगों के ऋणी हैं, जिन्होंने बौद्ध मत तथा दर्शन आदि के सिद्धान्तों और विचारों को उन तक पहुँचाया। ऐसे हाथ प्रायः पूर्वी योरोप में पाये जाते हैं।
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