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वर्गाकार हाथ
वर्गाकार हाथ के स्वामी अधिकतर पक्के मकान, रेल व मस्जिद, मंदिर, पुल, धर्मशाला आदि के निर्माता होते हैं। ऐसे व्यक्ति लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होते हैं। ये न ही लकीर के फकीर और न ही भावना शून्य होते हैं। इन व्यक्तियों में व्यवस्था के प्रति तर्क, संगीत, प्रेम, अनुशासन तथा रीति-रिवाजों की मान्यता पायी जाती है। ये ज्यादातर डेनमार्क, हालैण्ड, स्वीडन, स्कॉटलैण्ड, जर्मनी, इंग्लैण्ड आदि राष्ट्रों में पाये जाते हैं। चमसाकार हाथ
इस प्रकार के हाथ के स्वामी नयी-नयी खोज करने वाले तथा कला एवं मशीनों के अविष्कारक होते हैं तथा इनमें रूढ़िवादिता नहीं होती। ये व्यक्ति मौलिकता एवं उद्विग्नता के प्रतीक होते हैं। अमेरिका के समृद्धिपूर्ण इतिहास की रचना में इन हाथों का बहुत बड़ा योगदान है। अमेरिका में अनेक जाति और देशों के निवासी पाये जाते हैं परन्तु जातियों का मिश्रण इसी देश में सर्वाधिक हुआ है। इस कारण यहां चमचाकार हाथों के स्वामी अधिक पाये जाते हैं।