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प्रस्तावना
किसी भी व्यक्ति के हाथ को देखकर केवल यही नहीं कहा जा सकता कि उसके जीवन में क्या अभाव है, वरन् दोषों को दूर करने के उपाय भी जाने जा सकते हैं । वास्तव में व्यक्ति का हाथ उसके आचारण की उस बन्द आलमारी की चाबी है, जिसके भीतर प्रकृति न केवल उसके दैनिक जीवन को प्रेरणा देने वाली शक्तियों को, अपितु उसके आन्तरिक क्षमता, गुण और उसके विभिन्न कार्य कर पाने की शक्तियों को छिपा रखा है। इन शक्तियों और गुणों को जान-पहचान कर उनका उपयोग जीवन को सफल बनाने में किया जा सकता है।
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