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रेखा को काट रही है, जिसके प्रभाव से पारिवारिक कष्ट एवं उलझनों का सामना होगा। एक रेखा चंद्र पर्वत से चलकर भाग्य रेखा को काटती हुई ऊपर की ओर जीवन रेखा में जाकर मिल रही है। यह यात्रा रेखा है जिसके प्रभाव से जातक विश्व का भ्रमण करता है। एक रेखा शुक्र पर्वत से निकलकर भाग्य रेखा को काटती हुई आगे निकल रही है अतः निकट संबंधी की लड़की से विवाह का योग बनता है। मणिबंध का प्रथम रेखा वलयकार होने से पराक्रम में सफलता मिलेगी। पहला मणिबंध धनुषाकृति में है जिस कारण संतान प्रतिबंधक योग बन रहा
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