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The Prediction for Married Life
वैवाहिक फलादेश
1.अ. सूर्य रेखा, विवाह रेखा से कटती हुई अनमेल विवाह यानि सम्मान हानि की द्योतक। 1.ब. शुक्र पर्वत पर लाल चिह्न से उदित एक रेखा हृदय रेखा की ओर जहां यह शाखापुंज में समाप्त होती है, विवाह रेखा पर एक द्वीप, साथ में भाग्य रेखा पर एक क्रास खड़ी रेखा को जाती हुई, परन्तु वह उसे काटे नहीं विवाह सम्बन्धी मुकदमे। 1.स. हथेली तथा उंगलियां सम आकार की, साथ में बृहस्पति पर्वत सुविकसित परिवार
प्रेम।
2.अ. मणिबन्ध से निकलने वाली सीधी, स्पष्ट बिना कटी हुई भाग्य रेखा,
बशर्ते कि रेखा के ऊपर बृहस्पति पर्वत अथवा शनि पर्वत पर समाप्त होती हो। बृहस्पति पर्वत पर क्रास –पारिवारिक सुख।
2.ब. बृहस्पति पर्वत पर क्रास तथा तारक चिह्न –विवाह से धन की प्राप्ति।
2.स. मणिबन्ध से शुक्र पर्वत की एक रेखा और वहां से बुध पर्वत को जाती हुई -किसी व्यापारी से विवाह।
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