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2. अ. निम्न मंगल से आरम्भ होने वाली मस्तिष्क रेखा अस्थायी और परिवर्तनशीलता की प्रवृत्ति उत्पन्न करती है ऐसे लोग क्रोधी और झगड़ालू भी होते हैं। गुरु पर्वत से शुरु होने वाली मस्तिष्क रेखा के लोग महत्वाकांक्षी, तर्कपूर्ण प्रतिभाशाली नायक एवं शक्तिवान मस्तिष्क के होते हैं।
2.ब. सीधी और स्पष्ट मार्ग वाली मस्तिष्क रेखा के स्वामी सतर्क, व्यहारिक और सुलझे हुए व्यक्ति होते हैं। ये प्रायः दूसरे के प्रभाव में कभी नहीं आते, इनके मित्रों की संख्या कम होती है तथा ये कभी-कभी अपने आप में संकुचित होते हैं एवं इनकी विचार प्रणाली अति मौलिक होती है।
2.स. शनि की ओर झुकने वाली मस्तिष्क रेखा धर्म और संगीत कला के प्रति रुचि उत्पन्न करती है।
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3. अ. अगर शीर्ष रेखा आदि में सीधी और अन्त में कुछ ढलान युक्त तो व्यक्ति व्यवहार और कल्पना क्षेत्र में संतुलित होता है । वह न तो कल्पना में बहकता है न ही व्यवहारिकता के लिए अड़ता है।
3. ब. अगर सम्पूर्ण शीर्ष रेखा ढलान लिये हुए हो तो साहित्य, चित्रकारी, कलपुर्जे के अविष्कारक की कल्पना शक्ति पायी जाती है तथा कल्पना शक्ति की सहायता से साहित्य के क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त करता है।
3. स. यदि शीर्ष रेखा सीधी हो तथा द्वितीय मंगल पर ऊपर की ओर मुड़े तो व्यापार में आशा से अधिक सफलता मिलती है।
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