________________
मंत्र यंत्र और तंत्र
बीजाक्षरों का संक्षिप्त कोष
ॐ -
ऐं
क्लीं
सौं ह्सौं हसौं
हो
क्षि
प
स्वा
हा :
हीं
कौ
आ
फटू
वषट्
वोषट्
संवौषट्
ब्लूं
ब्लै
ग्लौं
क्ष्वीं
द्रां द्रीं क्लीं - ब्लूं
हूं
स्वाहा
स्वधा
नमः
श्रीं
अर्हं
इं
मंत्र अधिकार
प्रणव, ध्रुव, विनय और तेजस् बीज है।
वाग् और तत्त्व बीज है ।
काम - बीज है।
यह शक्ति बीज है।
शिव और शासन बीज है ।
पृथ्वी बीज है।
अप बीज है।
वायु बीज है।
आकाश बीज है।
माया और त्रैलोक्य बीज है। अंकुश और निरोध बीज है ।
- बीज है।
विसर्जन और चलन बीज है।
दहन बीज है।
आकर्षण और पूजा ग्रहण बीज है।
आकर्षण बीज है।
पाश
द्रावण बीज है।
आकर्षण बीज है।
स्तंभन बीज है।
विषापहार बीज है ।
ये पांच द्रावण बीज हैं।
द्वेष और विद्वेषण बीज है ।
हवन और शान्ति बीज है ।
पौष्टिक बीज है।
शोधन बीज है।
लक्ष्मी बीज है I
ज्ञान बीज है।
विष्णु बीज है।
मुनि प्रार्थना सागर
87