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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
चार दिनों के अन्तर से ज्वर आता हो तो छूट जायेगा। प्रतिदिन जाप करते रहें, धूप देते रहें।
(107) बवासीर ठीक मंत्र(1) बवासीर ठीक मंत्र- ॐ इज्जेविजे हिमवंत निवासिनी अमोविज्ये भगंदरे वातरिसे
सिंभारि से सोणि यारि से स्वाहा। विधि-इस मंत्र से सात बार मंत्रित करके जल पिलाने से बवासीर ठीक हो जाती है। (2) अडी विणडी विहंडी विमडीवा कुंण कुंण कुंतय तीविणट्ठी विमड़ी वा कुंकुणा
विद्यापसए अम्हकुले हरि साउन भवंति स्वाहा। विधि-इस मंत्र से किसी भी प्रकार के धान्य का लावा/धानी को मंत्रित करके सात दिन
तक खिलावें तो हरिष रोग याने बवासीर ठीक होता है। (3) ॐ लुंच मुंच स्वाहा। विधि- पानी को २१ बार मंत्रित कर पिलाने से बवासीर रोग शान्त होता है। (4) मस्सा नाशक मंत्र- ॐ उमती उमती चल चल स्वाहा। विधि- इस मंत्र से लाल डोरे को २१ बार मंत्रित कर तीन गांठ लगाकर पांव के अंगूठे में
बांधे तो फौरन आराम होवे। (5) खूनी बवासीर की पीड़ा दूर मंत्र- ॐ उमती उमती चल चल स्वाहा। विधि- शुभ मुहूर्त में ११००० जाप जपकर इस मंत्र को सिद्ध कर लें। फिर २१ बार पढ़कर
लाल सूत में एक गांठ दें और हर २१ बार पढ़कर एक गांठ दें। इस तरह ३ गांठ देने पर ६३ बार मंत्र पढ़ लिया जायेगा। इस सूत को दाहिने पैर के अंगूठे में बांध देने से खूनी बवासीर की पीड़ा दूर होती है।
(108) औषधि मंत्र (1) औषधि मंत्र- ओं ह्रीं सर्वते सर्वते श्रीं क्लीं सर्वोषधि प्राणदायिनी नैऋत्ये नमो नमः
स्वाहा। विधि- किसी भी रोग के लिए कोई भी औषधि आरंभ करने से पहले इस मंत्र- को पढ़ें, फिर औषधि शुरू करें तो शीघ्र लाभ हो।
(109 ) बच्चा चुप हो ,बच्चा दूध पीवे मंत्र (1) बच्चा चुप होने का मंत्र- ॐ नमो रत्नत्रयाय ॐ चलूठे चूजे स्वाहा। विधि- रोते हुए बच्चे के कान में जपने से बच्चा चुप हो जाता है, रोता नहीं है। (2) बच्चा दूध पीवे (बंगाली मंत्र) : आंदूरी कांदूरी कूल तोरे बासा, पोरेर छेले कांदिए
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