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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर (ब) ॐ रक्त कमल धारणी महाघृति वासिनी जतो भवंतु शीघ्र सुंदू कुरू कुरू स्वाहा। विधि- इन दोनों मंत्रों में से किसी भी मंत्र की 55 माला 21 दिन तक करें फिर प्रतिदिन एक माला करें तो घर में सुख शान्ति का साम्राजय स्थापित रहता है। (71) विवाद विजय मंत्र (1) विवाद विजय मंत्र- ॐ अहँ ऐं श्रीं अ सि आ उ सा नमः विधि- २१ बार स्मरण कर वाद-विवाद करें तो विजय होगी। (2) वाद-विवाद में जीत- ॐ हंसः ॐ अहँ ऐं श्रीं अ सि आ उ सा नमः । विधि-सवा लाख से सिद्ध करें फिर २१ बार पढ़कर वाद विवाद में जावें तो आप जीतें जय पावें। (3) विवाद विजय मंत्र- ॐ अहँ ऐं श्रीं अ सि आ उ सा नमः । विधि- मंत्र को २१ बार स्मरण कर वाद विवाद करें तो विजय होय। (72) सर्वत्र विजय मिलती (15) सर्वत्र विजय मिलती- ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्रों (क्रौं) वषट् स्वाहा फल- दोज के चाँद की तरह संसार में यश फैलता है और सर्वत्र विजय मिलती हैं। (73) क्रोध शान्ति मंत्र (1) क्रोध शान्ति मंत्र-हली ठी ठी क्रोध ह्रीं ह्रीं ह्रां क्लीं सः सः स्वाहा ॥ विधि : इस मंत्र को सात बार पढ़कर पहनने के वस्त्र के एक कोने में गांठ लगाने से, जिस व्यक्ति के उद्देश्य से मंत्र का जप किया जाय, वह चाहे स्त्री हो अथवा पुरुष, समीप पहुंचते ही उसका क्रोध शान्त हो जायेगा। (2) क्रोधित मनुष्य वश होय- ॐ नमो रत्नत्रय पाय नमो आचार्य विलोकिते स्वरात्थ बोधि सत्वाय महा सत्वाय महा कारुणि काय चन्द्रे चन्द्रे सूर्य सूर्य मति पूतने सिद्ध पराक्रमे स्वाहा। विधि- अपने कपड़े को इस मंत्र से २१ बार मंत्रित करके गांठ लगावें फिर क्रोधित मनुष्य के सामने जावें तो तुरन्त वश में हो जाता है। (3) र शान्त हो मंत्र- ॐ नमो धृति देव्यै ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं ऐं द्रां द्रीं नमः (स्वाहा)। विधि- मंत्र पास रखने से बैर शान्त होता है। (4) ॐ ह्रीं श्रीं धरणेन्द्र पद्मावती बल पराक्रमाय नमः (स्वाहा) फल- दुश्मन परास्त होता है और बैर-विरोध छोड़कर शान्त होता है। (5) अपराध क्षमापण मंत्र : ऊँ ह्रीं णमो भगवओ, ऊं णमो पासनाहस्स थंभय सव्वाओ - 162
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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