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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- इस मंत्र को जपने से उपसर्ग मिटता है। इस मंत्र का हर समय स्मरण करने से देव
व्यन्तर शत्रु आदि कृत उपसर्ग मिटता है। (2) संकट मुक्ति तथा मनोरथ पूर्ण मंत्र- ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्री पद्मावती देव्यै नमः।" विधि- शुभ नक्षत्र में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से ४५ दिन में एक हजार जाप करके सिद्ध करें। (3) संकट निवारक शंति दायकः- ॐ हीं अहँ श्री अ सि आ उ सा नमः सर्व शांतिम्
कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- मंत्र की शुद्धि पूर्वक सवा लाख जाप करें तो लाभ हो। (4) कष्टहर मंत्र : ऊँ ह्रीं पंच परमेष्ठिने नमः। विधि : श्री सुपार्श्वनाथ भगवान् के स्मरणपूर्वक मंत्र का जाप करने से विषम कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
(68) सर्व विपत्तियाँ दूर हो मंत्र । (1) सर्व विपत्तियाँ दूर हो मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं अहँ अ सि आ उ सा नमः (स्वाहा)। विधि- यह मंत्र सर्व कार्य सिद्धि करने वाला है। जो एक वर्ष तक दोनों समय संयम पूर्वक ५-५ माला का जाप करता है, उसकी सब विपत्तियाँ दूर होती हैं।
(69) विघ्नहरण नमस्कार मंत्र(1) विघ्नहरण नमस्कार मंत्र- ॐ ह्रीं ऐं णमो अरहंताणं, ॐ क्लीं पैं णमो सिद्धाणं, ॐ
क्षौं ब्रै णमो आयरियाणं, ॐ श्रीं रैं णमो उवज्झायाणं, ॐ ब्लूं लौं णमो लोए सव्व
साहुणं। विधि- एकान्त शुद्ध स्थान में, शुद्ध वस्त्र धारण कर शुभ मुहूर्त में जाप शुरु करें।
१२५००० जाप करने से हर प्रकार की विघ्न-बाधा दूर होती हैं। (2) विघ्न विनाशक मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं ऐं अहँ कलिकुण्ड दंड स्वामिने श्री पार्श्वनाथाय
धरणेंद्र पद्मावती सहिताय मम सर्व विघ्न विनाशनाय नमो नमः । विधि- इस मंत्र की ५००० जाप विधि पूर्वक करें तो सभी विघ्न दूर हों।
(70) क्लेश नाशक मंत्र (1) क्लेश नाशक मंत्र- ॐ अहँ अ सि आ उ सा नमः । विधि- यह अत्यंत प्रभावक शान्तिदायक मंत्र है, इसे पूर्व दिशा की ओर मुख करके सफेद
वस्त्र, सफेद माला, सफेद आसन पर बैठकर, दीपक सामने जलाकर १२५०००
बार जपें तो अवश्य ही सफलता मिले। (2) क्लेश नाशक मंत्र -(अ) ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्र: अ सि आ उ सा नमः |
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