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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
(19) वशीकरण मंत्र- (अ) ॐ ह्रीं मम अमुकं वशी कुरु कुरु स्वाहा।
(ब) ॐ ह्रीं श्रीं कुष्मांडि देवी मम सर्व शत्रु वशे कुरु कुरु स्वाहा।
(स) ॐ ह्रीं सर्वदुष्ट जनं वशी कुरु कुरु स्वाहा। विधि-इन मंत्रों में से किसी भी मंत्र की सवा लाख जाप कर मंत्र को सिद्ध करा लें, फिर
मंत्र के १०८ बार स्मरण करने से इच्छित व्यक्ति वश में होते हैं। ( 20 ) वशीकरण मंत्र- ॐ ह्रीं क्रों ह्रीं हूँ फट् स्वाहा। विधि-इस मंत्र से सुपारी को मंत्रित करके जिसको दिया जाय वह वश में हो जाता है। ( 21 ) वशीकरण-अहँ मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं अरे अरिणि मोहिणि अमुकं मोहय
मोहय स्वाहा। विधि- १२५००० जाप करके पहले इस मंत्र को सिद्ध कर लें। चावल अथवा पुष्प को
१०८ बार अभिमंत्रित कर जिस के सिर पर गिराएं, वह वश में होगा। 'अमूक' के
स्थान पर उसका नाम बोलना चाहिए। ( 22 ) सर्वजन वशी मंत्र- ॐ देवी चंद्र निरइ हरूं भंडइ राहडि तीनइ त्रिभुवन वसि किया
ह्रीं कियइ निलादि। विधि- मंत्र से चन्दनादिक मंत्रित करके तिलक करने से सर्वजन वश में होंय। ( 23 ) सर्वजन वश कारक काजल मंत्र- ऊँ नमो भगवते चन्द्रप्रभाय चन्द्रेन्द्र महिताय ___ नयन मनोहराय ओं चुलु चुलु गुलु गुलु नील भ्रमरि नील भ्रमरि मनोहरि सर्वजन
वश्यं कुरु कुरु स्वाहा। विधि : दीपावली के दिन पिंगला गाय के शुद्ध घी का दीपक जला के उक्त मंत्र बोलते
और दीपक में घी की बिन्दुएँ छोड़ते हुए १०८ बार जाप करें। दीपक के ऊपर काजल फाड़ने को मिट्टी का ढक्कन रखें। पश्चात् उस काजल को लगाकर जहां
जावेंगे वहां मनुष्य वश में होवेंगे। ( 24 ) सभी वश्य होये- ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ॐ ह्रीं णमो
आइरियाणां ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं ॐ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं अमुक
मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा। विधि -पहले ११ हजार बार जाप कर मंत्र को सिद्ध कर लें फिर जब राजा, मंत्री या अन्य
किसी भी अधिकारी आदि के यहां जाये तो सिर के वस्त्र को २१ बार मन्त्रित कर धारण करें तो सामने वाला वश में होय। अमुक के स्थान जिस व्यक्ति को वश
करना हो उसका नाम जोड़ लेना चाहिए। ( 25 ) तीन लोक वश होय मंत्र- ॐ ह्रीं हर क्लीं बगलामुखी देवी नित्ये! विन्ने! मद्रवे
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