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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- प्रतिदिन त्रिकाल जाप करें तो शान्ति मिले। (7) संकट निवारक शान्ति दायक मंत्र- ॐ ह्रौं अहँ श्रीं असि आ उ सा नमः सर्व
शांति कुरु कुरु स्वाहा। विधि- शुभ दिन से प्रारम्भ कर प्रतिदिन १ माला जाप करें तो संकट दूर होकर शान्ति
मिलती है। (8) सर्व शान्ति दायक मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं अहँ नमः।
(48) सर्व भय निवारण मंत्र । (1) सर्वभय निवारण मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं अभयदयाणं चक्खुदयाणं, मग्गदयाणं,
सरणदयाणं, ऐं ह्रीं सर्वभय निद्रा विनाशकाय नमः। विधि- शुभ मुहूर्त में प्रात: स्नानकर, शुद्ध सफेद वस्त्र धारण कर, सफेद आसन, सफेद
माला का प्रयोग करते हुए पूर्व की ओर मुंह कर १४ दिन में १२५००० जाप कर मंत्र सिद्ध कर लें। सिद्ध होने पर राज्य संकट, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उत्पन्न संकट के
समय तीन बार स्मरण मात्र से सर्व संकट दूर होंगे। (२) भय निवारण मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं चक्रेश्वरी मम रक्षं कुरू कुरू स्वाहा। विधि - इस मंत्र की प्रतिदिन 108 बार जाप करने से सभी प्रकार के भय समाप्त
हो जाते हैं। (३) सर्व संकट हरण मंत्र - ॐ नमो भगवती पद्मावती सर्वजन मोहनी सर्वकार्य
कारिणी, मम विकट संकट हरणी, मम मनोरथ पूरणी, मम चिन्ता चूरणी, ॐ
नमों ॐ पद्मावती नमः स्वाहा। विधि -विजयदशमी, दिवाली, ग्रहण, सिद्धि योग, गुरू पुष्ययोग, इनमें से किसी भी
अवसर पर रात्रि में एकान्त स्थान में पद्मावती की फोटो की शुद्धता पूर्वक स्थापना करें। फिर प्रतिदिन 1 माला करें तो बेरोजगारी, निर्धनता, समस्याएँ,
रोग, विकार, कलह, दुख, तनाव आदि सब दूर हो जायेंगे । (४) सर्वभय दूर होय मंत्र : ऊँ मैं चामुंडै हिलि हिलि विच्चे स्वाहा। विधि : इस मंत्र को आठ छोटे पत्थरों के कंकरों पर पढ़कर आठों दिशा में फैंकने से चोर
शत्रु और भयंकर जीव तथा दूसरों का भय भी नहीं होता है। (5) सर्व विघ्न दूर होय मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ नमः ६वीं स्वाहा। विधि- प्रतिदिन ११०० जप से सर्वविघ्न बाधाएँ दूर हो। (6) सर्व भय निवारण मंत्र- ॐ णमो जिणाणं जिय भयाणं कित्तणे भया, उवसंमतु ह्रीं
स्वाहा ।
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